कोचिंग सेंटर न खुले तो कोर्ट जाएंगे संचालक व शिक्षक, पीएम को भेजा ज्ञापन
उत्तराखंड प्राइवेट टीचर्स एसोसिएशन ने कोचिंग सेंटर खोलने की अनुमति न दिए जाने पर नाराजगी जताई है। कहा है कि होटल शराब की दुकान जिम संचालन की अनुमति तो दे दी गई लेकिन शैक्षणिक संस्थानों की कोई सुध नहीं ली जा रही।
हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड प्राइवेट टीचर्स एसोसिएशन ने कोचिंग सेंटर खोलने की अनुमति न दिए जाने पर नाराजगी जताई है। कहा है कि होटल, शराब की दुकान, जिम संचालन की अनुमति तो दे दी गई लेकिन शैक्षणिक संस्थानों की कोई सुध नहीं ली जा रही। यदि आने वाले दिनों में कोचिंग सेंटरों का संचालन न हुआ तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
छोटी मुखानी स्थित ट्रिपल-जे संस्थान में हुई एसोसिएशन की बैठक में अध्यक्ष वीके जोशी ने कहा कि कोचिंग सेंटरों को बंद हुए छह माह से अधिक का समय बीत गया है। संचालक और वहां काम करने वाले शिक्षक-कर्मचारी आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। बंद संस्थानों का किराया नियमित तौर पर भरना पड़ रहा है। यदि ऐसी ही स्थिति बनीं रही तो निकट भविष्य में कोचिंग सेंटरों पर ताला लगाना पड़ सकता है।
कोषाध्यक्ष परगट बरार ने कहा कि नए सत्र की तैयारी के लिए संचालकों ने जमा पूंजी खर्च कर दी जिसके ठीक बाद लॉकडाउन शुरू हो गया। ऐसी हालत में घर का खर्च चलाने तक के पैसे नहीं बचे। उपाध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा कि अनलॉक की प्रक्रिया में सरकार ने बैंक्वेट हॉल, रेस्टारेंट, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल, शराब की दुकानें खोलने की तक इजाजत दे दी।
लेकिन जब शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की बारी आई तो कोरोना संक्रमण का हवाला दे दिया गया। उपाध्यक्ष केएमएस रावत ने कहा कि अनलॉक में शिक्षा के क्षेत्र को उपेक्षित रखा गया है लेकिन कोई सुधलेवा नहीं है। संयोजक सुभाष कांडपाल ने कहा कि यदि जल्द ही कोचिंग सेंटर खोलने की अनुमति नहीं मिलती है तो संगठन कोर्ट की शरण लेगा। इस संबंध में पीएम को भी ज्ञापन भेजा गया। यहां उपसचिव दीक्षित मिश्रा, उपसचिव अमित जोशी, उपसचिव शेखर सती आदि मौजूद रहे।