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स्वास्थ्य उपकेंद्रों में फार्मासिस्टों को हटाने के विरोध में धरने पर बैठक डिप्लोमा फार्मासिस्ट

प्रशिक्षित बेरोजगार एलोपैथिक डिप्लोमा फार्मासिस्ट महासंघ कुमाऊं मंडल के सदस्यों ने बुधवार को बुद्ध पार्क में धरना दिया। उन्होंने स्वास्थ्य उपकेंद्रों में फार्मासिस्टों को हटाने का विरोध किया और कहा कि इन केंद्रों में नियमित तौर पर फार्मासिस्ट नियुक्त किया जाना चाहिए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 01:33 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 01:33 PM (IST)
स्वास्थ्य उपकेंद्रों में फार्मासिस्टों को हटाने के विरोध में धरने पर बैठक डिप्लोमा फार्मासिस्ट
स्वास्थ्य उपकेंद्रों में फार्मासिस्टों को हटाने के विरोध में धरने पर बैठक डिप्लोमा फार्मासिस्ट

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रशिक्षित बेरोजगार एलोपैथिक डिप्लोमा फार्मासिस्ट महासंघ कुमाऊं मंडल के सदस्यों ने बुधवार को बुद्ध पार्क में धरना दिया। उन्होंने स्वास्थ्य उपकेंद्रों में फार्मासिस्टों को हटाने का विरोध किया और कहा कि इन केंद्रों में नियमित तौर पर फार्मासिस्ट नियुक्त किया जाना चाहिए। यह आम जन के हित में भी है।

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बुद्ध पार्क में प्रदर्शन के दौरान कुमाऊं मंडल अध्यक्ष विपिन डसीला ने कहा कि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंडर्ड (आइपीएचएस) को राज्य में लागू किया गया है। इसके तहत राज्य के उपकेंद्रों में तैनात फार्मासिस्टों को मुख्य अस्पतालों में भेज दिया गया है। अब उन उपकेंद्रों पर फार्मासिस्ट नहीं रखे जा रहे हैं। हम लोग इसका विरोध करते हैं। नए सीएम पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध करते हैं कि सरकार नीति में बदलाव कर सभी उपकेंद्रों में फार्मासिस्टों की नियुक्तियों पर विचार करें। इससे जहां राज्य के तमाम डिप्लोमा फार्मासिस्टों को रोजगार मिलेगा। वहीं उपकेंद्रों के जरिये क्षेत्रीय लोगों को स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकेगा।

मंडल महामंत्री कमलेश बिष्ट ने कहा कि ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 व फार्मासिस्ट एक्ट 1948 में स्पष्ट है कि दवाइयां का भंडारण, वितरण व दवाइयों से जुड़े कार्य फार्मासिस्ट ही करेंगे। जबकि, सरकार कई जगह बिना फार्मासिस्टों के भी दवाइयां का वितरण कर रही है। यह गलत है। हम इस तरह की नीति का भी विरोध कर रहे हैं। पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार अगर हमारी मांगों पर जल्द विचार नहीं करती है तो हमें प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा। पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।

महासंघ के जिला अध्यक्ष नरेंद्र पवार ने कहा कि शासन के इस निर्णय से 20 वर्षों से रोजगार की आस लगाए हजारों फार्मेसिस्ट को आघात पहुंचा है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं स्थितियों को देखते हुए सरकार को अपनी नीति में बदलाव करना चाहिए। इस दौरान मंडल उपाध्यक्ष धीरज बहुगुणा, मंडल महासचिव हरीश जोशी, जिला अध्यक्ष नरेंद्र्र पवार, जिला उपाध्यक्ष नीरज ततराड़ी, जिला महासचिव मुकेश रावत, जिला कोषाध्यक्ष राजू चुफाल, जिला संयोजक कमलेश चंद्र, जिला कार्यकारणी सदस्य चंद्रशेखर कफल्टिया, मोना पपोला आदि शामिल रहे।


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