कुमाऊं विवि में डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया होगी तेज
जासं नैनीताल कुमाऊं विवि कार्य परिषद की बैठक में विवि में डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया तेज करने पर जोर दिया गया है।
जासं, नैनीताल : कुमाऊं विवि कार्य परिषद की बैठक में विवि में डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया तेज करने पर जोर दिया गया। प्रवेश प्रक्रिया, एडमिशन मेरिट लिस्ट, परीक्षा संचालन, परिणामों की घोषणा, डिजिटल डिग्री, स्टूडेंट फीडबैक, शिकायत निवारण आदि कार्य आनलाइन करने को छात्र हित में करार दिया गया। इस दौरान संविदा कर्मचारियों की दस फीसद मानदेय में बढ़ोत्तरी के फैसले के साथ ही विवि कर्मचारियों को राज्य स्वास्थ्य योजना से लाभान्वित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
शुक्रवार को विवि प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो. एनके जोशी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 86 पीएचडी उपाधियों का अनुमोदन किया गया। कुलपति ने कहा कि विवि को राष्ट्रीय रैकिंग में शीर्ष स्थान पर लाने के साथ ही शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में सम्मानजनक स्थान दिलाना प्राथमिकता है। जल्द ही ई लाइब्रेरी, शैक्षणिक सामग्री और ज्ञान के स्रोतों की पहुंच बढ़ाने व उत्तराखंड की परंपरागत कला और शिल्पकारी में कौशल और प्रशिक्षण और उन्हें बाजार से जोड़ने को प्रयास किया जाएगा। बैठक में परीक्षा समिति एवं क्रीड़ा समिति की बैठक में लिए गए प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। विवि से संबद्ध एक दर्जन से अधिक कालेजों में संबद्धता का अनुमोदन करने के साथ नवीनीकरण, महादेवी सृजन पीठ की नियमावली का अनुमोदन किया किया। डीएसबी परिसर के प्राक्टर बोर्ड का एक वर्ष के लिए सेवा विस्तार किया गया। सुप्रीम कोर्ट से आदेश पाने वाले पांच प्राध्यापकों के संत्रात लाभ का अनुमोदन किया गया। आयुष्मान भारत, अटल भारत, आयुष्मान उत्तराखंड योजना को विश्वविद्यालय में लागू किए जाने के लिए शासन को भेजे गए पत्र का भी अनुमोदन किया गया।
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ये रहे बैठक में मौजूद
कुलसचिव केआर भट्ट, वित्त अधिकारी एलआर आर्य, अंजू अग्रवाल, कार्यपरिषद सदस्य डा. बीएस बिष्ट, प्रो. डीडी चौनियाल, प्रकाश पांडेय, अरविंद्र पडियार, कैलाश जोशी, डा. पुष्पेश पांडेय, डा. शशि पुरोहित, प्रो. विजिया ढौंडियाल, प्रो. पीसी कविदयाल, प्रो. एमएस मावड़ी आदि।
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कार्य परिषद सदस्य ने किया बहिष्कार
भाजपा नेता व कार्य परिषद सदस्य अरविंद पडियार ने बैठक में कहा कि भले ही अल्मोड़ा विवि बन गया हो मगर फिलहाल व्यवस्थाएं यहीं से हो रही हैं। मगर विवि द्वारा विभागाध्यक्ष व संकायाध्यक्ष की नियुक्ति में मानकों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने अन्य अनियमितताओं का भी आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। उधर शिक्षणेत्तर कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष भूपाल सिंह करायत, महामंत्री लक्ष्मण सिंह रौतेला ने कार्य परिषद में कर्मचारी हित में लिए गए निर्णय का स्वागत किया है।