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रेड कॉरिडोर की साजिश के खात्मे के लिए चले ऑपरेशन में शामि‍ल थे डिप्टी कमांडेंट ललित

रेड कॉरिडोर की साजिश को अंजाम देने में लगे नक्सली माओवादियों के खिलाफ चले ऑपरेशन में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डिप्टी कमांडेंट ललित साह ने भ्‍ाी वीरता का परिचय दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 05:47 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 08:19 PM (IST)
रेड कॉरिडोर की साजिश के खात्मे के लिए चले ऑपरेशन में शामि‍ल थे डिप्टी कमांडेंट ललित
रेड कॉरिडोर की साजिश के खात्मे के लिए चले ऑपरेशन में शामि‍ल थे डिप्टी कमांडेंट ललित

रानीखेत, जेएनएन : 'थ्री यू सेक' यानी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व उत्तरी बिहार में 'रेड कॉरिडोर' की साजिश को अंजाम देने में लगे नक्सली माओवादियों के खिलाफ चले विशेष ऑपरेशन में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डिप्टी कमांडेंट ललित साह ने भ्‍ाी वीरता का परिचय दिया है। एसएसबी में भर्ती होकर श्रीनगर गढ़वाल में बेसिक ट्रेनिंग व कुमाऊं सीमा पर ग्वालदम स्थित वाहिनी में कमांडो प्रशिक्षण लेने वाले ललित का विषम भौगोलिक हालात वाले पहाड़ से 'लाल सलाम' वाली जमीन छत्तीसगढ़ तक का सफर युवा खून को देशेविरोधी ताकतों के खात्मे का जज्बा भी दे गया।

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सरयू पुल के समीप बागेश्वर निवासी ललित साह का बचपन भवानीगंज (पिथौरागढ़) में बीता। उनकी माता उमा साह, पत्नी श्वेता, बेटी तृप्ता व तोषी दुमका झारखंड में उनके साथ रहती हैं। उत्तराखंड का यह वीर सपूत देशविरोधी गतिविधियों के गढ़ छत्तीसगढ़ में नक्सली माओवादियों के खिलाफ चले विशेष ऑपरेशन का हिस्सा यूं ही नहीं बनाया गया। सूत्रों की मानें तो चूंकि सोर घाटी के इस जांबाज को विषम पहाड़ से लेकर मैदानी जंगलात तक की कमांडो कोर्स में महारत हासिल थी, लिहाजा बल के निदेशालय ने चुनिंदा कमांडो छत्तीसगढ़ में लाल सलाम बहुल इलाके में उतारे। उनमें उत्तराखंड के जांबाज डिप्टी कमांडेंट ललित को भी शामिल किया गया। उन्हें कुमाऊं गढ़वाल की कठिन पहाडिय़ों ही नहीं मैदान के घुप जंगल में विशेष ऑपरेशन में बस आगे बढऩा था।

डिप्टी कमांडेंट ललित की वीरता से पहाड़ गौरवान्वित

झारखंड में पाकुड़ एसपी के हत्यारे नक्सली को मारे गिराने वाले डिप्टी कमांडेंट ललित साह ने ग्वालदम तथा कुमाऊ गढ़वाल की सीमा से लगे श्रीनगर में विशेष भौगोलिक परिस्थिति से कैसे निपटा जाए इसका गहन प्रशिक्षण लिया था। पहाड़ में लिए गए प्रशिक्षण व गुरिल्ला ट्रेनिंग की बदौलत सोर घाटी के इस जांबाज को सशस्त्र सीमा बल में डिप्टी कमांडेंट के तौर पर झारखंड में नक्सलियों से निपटने के लिए मोर्चे पर भेजा गया। वहां डिप्टी कमांडेंट ललित साह ने जांबाजी का परिचय देकर दस लाख के इनामी कुख्यात नक्सली जोनल कमांडर सहदेव राय को ढेर करते भारत भूमि के दुश्मनों को करारा जवाब भी दिया। डिप्टी कमांडेंट ललित के अदम्य साहस से पहाड़ का हर युवा देश के लिए मर मिटने की प्रेरणा ले रहा है। डिप्टी कमांडेंट 35वी बटालियन एसएसबी  में तैनात हैं। 

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