बागियों को दीपू चनौतिया ने दिया करारा झटका
भीमताल में कई कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं केविरोध के बावजूद दीपू चनौतिया ने जीत हासिल कर ली।
संस, भीमताल : भीमताल में कई कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी दीपू चनौतिया ने जीत हासिल की है। चनौतिया की जीत होने से जहां कई बागी कांग्रेसियों को झटका लगा है वहीं कई कांग्रेसियों ने राहत की सांस ली है। बता दें दीपू चनौतिया के कांग्रेस के द्वारा टिकट फाइनल करते ही भीमताल में कांग्रेस में हड़कंप मच गया। रातों रात कई कांग्रेसियों ने अपने अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया और कांग्रेस प्रत्याशी दीपू का खुलकर विरोध कर स्थानीय व्यवसायी हितेंद्र बिष्ट को खड़ाकर उसको अपना समर्थन दे डाला। हालत यहां तक बिगड़ गए कि विधानसभा उपाध्यक्ष ,जिलाध्यक्ष महिला समेत कई कांग्रेसियों ने पार्टी से त्यागपत्र दिया और बाद में पार्टी ने कई नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। इधर, दीपू चनौतिया और उनके समर्थकों जिसमें मुख्य रूप से पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी, पूर्व ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख दीपू महरा, पीसीसी सदस्य पुष्कर महरा आदि ने अपना प्रचार जारी रखा और हाईकमान को दीपू के जीतने का भरोसा दिलाया। दीपू चनौतिया के विजय होने पर पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी, हेमा परगांई, प्रमोद प्रधान, मोनू कुमार, केडी रूबाली, विजय नेगी, पवन जोशी, पुष्कर महरा, मन्नू रौतेला आदि ने बधाई दी है। भीमताल नगर पंचायत अध्यक्ष दीपू चनौतिया ने अपनी जीत का श्रेय स्थानीय जनता को दिया है। इधर, जीत के बाद पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी का कद भी बढ़ गया है। भीमताल में भी भाजपा को झटका
भीमताल : भाजपा को भीमताल में इस बार चुनाव निकाय में करारा झटका लगा है जहां पिछले चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी राजेश नेगी ने रिकार्ड मत 1450 मत प्राप्त किये थे और अपने प्रतिद्वंद्वी बसपा के नवीन आर्या को 702 मत में संतुष्ट होना पड़ा था। वहीं इस बार जहां भाजपा के दिनेश सांगुड़ी को तीसरे स्थान पर संतुष्ट होना पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने उत्साहित होकर नौ वार्ड के सापेक्ष इस बार सात वार्डो में अपने चिह्न के बैनर तले सात प्रत्याशी उतारे थे उनमें से मात्र दो ही प्रत्याशी विजय हो पाए। वार्ड संख्या एक से भानु लौशाली और आठ से सुनीता पांडे ही भाजपा से विजय प्राप्त की है। भाजपा के चिह्न में चुनाव लड़ने वाले वार्ड संख्या दो से तुलसी देवी, सात से सुनिता मिलकानी, चार से किरन चौधरी, नौ से हेमा पढ़ालनी, और चार से बिशन पोखरिया चुनाव हार गए।