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मलबा रामगंगा नदी में फेंकने पर हाई कोर्ट गंभीर

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने मरचूला-भिकियासैंण के लिए बन रहे मोटर मार्ग का मलबा रामगंगा न

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Mar 2018 06:59 PM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 06:59 PM (IST)
मलबा रामगंगा नदी में फेंकने पर हाई कोर्ट गंभीर
मलबा रामगंगा नदी में फेंकने पर हाई कोर्ट गंभीर

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने मरचूला-भिकियासैंण के लिए बन रहे मोटर मार्ग का मलबा रामगंगा नदी में फेंकने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गंभीर रुख अपनाया है। साथ ही निर्माण कार्य कर रही एजेंसी को एक सप्ताह में पक्षकार बनाने के आदेश पारित किए हैं। अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद नियत की गई है।

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हल्द्वानी के मानवाधिकार कार्यकर्ता गुरुविंदर चड्ढ़ा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि मरचूला-भिकियासैंण मोटर मार्ग का निर्माण प्रगति पर है। लोनिवि से मिलीभगत की वजह से निर्माण कर रही कंपनी द्वारा सड़क कटान का सारा मलबा रामगंगा नदी में फेंका जा रहा है। जबकि मोटर मार्ग के टेंडर के वक्त पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मलबा फेंकने के लिए आठ डंपिंग जोन घोषित किए थे। यह भी कहा है कि कार्बेट नेशनल पार्क का मुख्य जलस्रोत रामगंगा है, मलबा डालने की वजह से नदी का मार्ग अवरुद्ध हो गया है। नदी में पाए जाने वाले जीवों को खतरा पैदा हो गया है। पार्क के आसपास रहने वाले लोगों व वन्य जीवों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद निर्माण कर रही कंपनी को याचिकाकर्ता से पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं।


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