किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, 60 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका
udham singh nagar news किशोरी के पिता का कहना था कि उसकी बेटी को मूलरूप से गाजीपुर यूपी और हाल शिमला निवासी मनोज राजभर 18 मई 2020 की रात 9 बजे लालच देकर अपने कमरे में ले गया था जहां उसके साथ उसने दुष्कर्म किया।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : udham singh nagar news: किशोरी को अगवा कर उससे दुष्कर्म करने वाले को पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 60 हजार रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया है।
तीन महीने बाद दर्ज कराया था मुकदमा
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि 19 मई 2020 को ट्रांजिट कैंप थाने में एक व्यक्ति ने अपनी 13 वर्षीय पुत्री के लापता होने की तहरीर दी थी। इस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। इस बीच किशोरी खुद ही घर वापस आ गई थी। बाद में 17 अगस्त 2020 को किशोरी को लेकर उसका पिता थाने पहुंचा और रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पिता ने आरोपी पर लगाया था ये आरोप
रिपोर्ट में किशोरी के पिता का कहना था कि उसकी बेटी को मूलरूप से ग्राम बारा गहमर गाजीपुर यूपी और हाल शिमला बहादुर ट्रांजिट कैंप निवासी 30 वर्षीय मनोज राजभर पुत्र लक्ष्मण राजभर 18 मई 2020 की रात 9 बजे लालच देकर अपने कमरे में ले गया था, जहां उसके साथ उसने दुष्कर्म किया और धमकी दी कि अपने माता-पिता से शिकायत की तो वह उसके छोटे भाई को जान से मार देगा। इस डर के कारण वह चुप रही। उसके बाद जब भी उनकी पुत्री घर में अकेली होती थी तो मनोज आकर उससे दुष्कर्म करता था।
मेडिकल परीक्षण में हुई दुष्कर्म की पुष्टि
15 अगस्त 2020 को जब उसकी पुत्री घर की छत पर खेल रही थी तो मनोज ने उसे इशारे से बुलाया और साइकिल पर बैठाकर दूर एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। वहां दो दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। लड़की के रोने और गिड़गिड़ाने पर मनोज उसे उनके घर के सामने छोड़कर चला गया। इस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर किशोरी का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि होने पर पुलिस ने उसके न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए। बाद में पुलिस ने मनोज राजभर को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था।
8 गवाहों के बयान से साबित हुआ दोष, मिली ये सजा
मनोज के विरुद्ध पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत में मुकदमा चला, जिसमें एडीजीसी विकास गुप्ता ने 8 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया। पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने मनोज राजभर को दोषी करार देते हुए धारा 6 पॉक्सो अधिनियम के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही धारा 363, 366 आईपीसी के तहत 3-3 वर्ष के कठोर कारावास और 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। पीड़िता को 2 लाख रुपये मुआवजा दिलाए जाने के लिए उन्होंने मामले को डीएलएसए ऊधम सिंह नगर को प्रेषित किए जाने को कहा।