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चार साल पहले हुई थी ऐसी घटना, हिल गया था शहर, अब दोषी मां-बेटे को मिली उम्रकैद

इंदिरानगर में चार साल पहले हुए चर्चित एसिड अटैक कांड के दोषी मां-बेटे को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 05:30 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 05:30 AM (IST)
चार साल पहले हुई थी ऐसी घटना, हिल गया था शहर, अब दोषी मां-बेटे को मिली उम्रकैद

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : इंदिरानगर में चार साल पहले हुए चर्चित एसिड अटैक कांड के दोषी मां-बेटे को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विभिन्न धाराओं में दोनों दोषियों पर कुल 60-60 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। इस धनराशि में से 10-10 हजार रुपये गंभीर रूप से झुलसे लोगों व तीन-तीन हजार रुपये अन्य झुलसे लोगों को दिए जाएंगे।

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प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी अरविंद कुमार ने 10 जून 2014 के एसिड अटैक कांड में मो. जकी और उसकी मां रहमत जहां को सोमवार को दोषी करार दिया था। अलबत्ता सजा सुनाने का दिन मंगलवार तय किया गया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी ने बताया कि मंगलवार को न्यायालय ने अपना आदेश सुनाया है। न्यायालय ने मां-बेटे को धारा 326ए के तहत सश्रम आजीवन कारावास ओर 50-50 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 307 के तहत 10-10 साल का सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माना व धारा 504, 506 के तहत एक-एक साल की सजा सुनाई है। चर्चित एसिड अटैक कांड पर एक नजर

इंदिरानगर निवासी लईक अहमद की अपने सगे मौसेरे भाई मो. जकी से कई महीने से रंजिश चल रही थी। 10 जून 2014 की शाम लईक का परिवार काठगोदाम स्थित मजार जाने के लिए निकला तो मो. जकी ने अश्लील फब्तियां कसनी शुरू कर दीं। लईक के परिवार के विरोध करने पर मो. जकी और उसकी मां रहमत जहां दुकान से एसिड की बोतलें ले आए। मो. जकी ने एक बोतल लईक के सिर पर फोड़ दी। जकी ने मां के साथ मिलकर 19 लोगों पर एसिड से हमला किया था। इनमें से सात लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इन घायलों को उपचार के लिए दिल्ली तक ले जाना पड़ा था। अर्थदंड की राशि से इनको मिलेगा मुआवजा

एसिड अटैक में गंभीर रूप से जख्मी इरशाद, सुमायला, शाहीन, नौशद अहमद, फैजान, नाजिया व शाहिद को अर्थदंड की धनराशि से 10-10 हजार रुपये और अन्य घायलों को तीन-तीन हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा। आर्थिक मदद के लिए डीएलएसए को भेजी आदेश की प्रति

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी ने बताया कि न्यायालय ने एसिड अटैक के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण(डीएलएसए) नैनीताल को भी आदेश की प्रतिलिपी भेजी है। अब तक सरकार से नहीं मिली पीड़ितों को आर्थिक मदद

चार साल पहले एसिड अटैक के पीड़ितों को न्यायालय से इंसाफ मिला है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक उन्हें उचित मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है। इस कांड में मो. इरशाद की एक आंख, सीना और एक हाथ झुलस गया था। जबकि उनके बेटे फैजान का चेहरा व हाथ, पत्‍‌नी शाहिन का हाथ व छाती, पड़ोसी नाजिया की एक आंख, चेहरा व हाथ, इरशाद के साढ़ू की बेटी सुमाइला की छाती समेत पड़ोसी साजिया, शाहिद व समीर आदि झुलस गए थे। सात झुलसे लोगों का अब भी उपचार चल रहा है। चार झुलसे लोगों का इस साल जनवरी में भी ऑपरेशन हुआ है। फैजान के अब तक चार ऑपरेशन हो चुके हैं। इरशाद ने बताया कि उन्हें तीन-तीन लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई थी, लेकिन धनराशि अब तक नहीं मिली है। अब तक इरशाद व समीर को एक लाख रुपये, शाहिल, फैजान, नाजिया, शाहिद व सुमाइल को 50-50 हजार रुपये व अन्य को मात्र 20-20 हजार रुपये ही मिले हैं। अदालत का निर्णय सुनने आया था पीड़ित परिवार

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी अरविंद कुमार का निर्णय सुनने के लिए एसिड अटैक का मुख्य पीड़ित मो. इरशाद अपने परिवार के साथ न्यायालय पहुंचा था। न्यायालय के आदेश से वह और परिवार संतुष्ट नजर आया। इरशाद ने कहा कि न्यायालय से उन्हें इंसाफ मिला है। हालांकि सरकार ने अब तक उन्हें मुआवजा राशि नहीं दी है। गंभीर रूप से झुलसने के कारण वह कुछ काम भी नहीं कर पा रहे हैं। पूरा परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। मुआवजा राशि मिलने से उनके परिवार की समस्याएं कुछ कम हो सकती हैं।


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