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पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज, आरक्षण तय नहीं होने से असमंजस

जीडी कांस्‍टेबल की भर्ती में शामिल होने आए नानकमत्‍ता के युवक का शव मिलने के बाद आइटीबीपी के जवानों पर हत्‍या का आराेप लग रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 04:55 PM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 04:55 PM (IST)
पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज, आरक्षण तय नहीं होने से असमंजस
पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज, आरक्षण तय नहीं होने से असमंजस

हल्द्वानी, जेएनएन : पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। आरक्षण को लेकर आदेश जारी नहीं होने से संभावित दावेदारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। खुद के नहीं लडऩे पर दूसरे को चुनावी मैदान में उतारने की भी प्लानिंग है। वहीं महिला सीट होने पर अधिकांश पत्नियों पर दांव खेल गांव की राजनीति में वर्चस्व बरकरार रखने की जुगत में भी लगे हैं।

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आरक्षण को लेकर आदेश 20 अगस्त को जारी होने की संभावना है। ऐसे में लंबे समय से तैयारी कर रहे संभावित प्रत्याशियों में इस बात को लेकर असमंजस है कि उनके यहां कौन सी सीट होगी। हर कोई अपने सूत्रों के माध्यम से जानकारी जुटाने में जुटा है। लोग लगातार विकासखंड व अधिकारियों के यहां चक्कर भी लगा रहे हैं। 

होर्डिंग-बैनर में पत्नी संग फोटो

पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी कर रहे कई लोगों ने होर्डिंग व बैनर में पत्नी की फोटो भी लगाई है। महिला सीट होने पर पत्नी को मैदान में उतारने की पूरी तैयारी है। कुछ जगहों पर धुर-विरोधी फिर से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लडऩे को तैयार हैं। 

84 से साठ हो गए प्रधान

निकाय चुनाव में नगर निगम का दायरा बढऩे से पंचायतों की संख्या भी कम हुई है। पहले हल्द्वानी विकासखंड में 84 ग्राम प्रधान, 40 बीडीसी मेंबर व छह जिला पंचायत सदस्य हुआ करते थे। इस बार ग्राम प्रधान के 60, क्षेत्र पंचायत के 39 व जिला पंचायत की पांच सीटों पर चुनाव होगा।

42 महिलाओं को प्रधान का जिम्मा मिला था

एडीओ पंचायत बसंत मेहता के मुताबिक, पिछले चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था के तहत 42 महिलाएं ग्राम प्रधान बनी थीं। इसके अलावा बीडीसी व जिला पंचायत सीट पर 30-30 प्रतिशत आरक्षण लागू हुआ था। सभी वर्ग का आरक्षण इसमें शामिल था। 

टिकट के लिए कईयों ने बदले दल

लोकसभा चुनाव के दौरान गांव की राजनीति से जुड़े कई लोगों ने अपने दल भी बदले। प्रधान व बीडीसी की सीट पर भाजपा-कांग्रेस ने सिंबल अब तक नहीं दिया। लेकिन जिला पंचायत में बीजेपी प्रत्याशी घोषित करती है। ऐसे में कई लोग टिकट पाने के चक्कर में पुराने को छोड़कर नए दल में शामिल हुए। 

आरक्षण सूची जारी होने फाइनल दावेदारी तय होगी

निवर्तमान प्रधान कुंवरपुर हरेंद्र बिष्ट ने कहा कि पांच साल में किए गए कामों की बदौलत फिर से चुनाव लडऩे की तैयारी है। आरक्षण सूची जारी होने फाइनल दावेदारी तय होगी। पान सिंह मेवाड़ी, ग्राम आमखेड़ा ने कहा कि पांच साल से बीडीसी मेंबर की तैयारी कर रहा हूं। अगर महिला सीट घोषित हुई तो सामंजस्य बनाकर योग्य उम्मीदवार को चुनाव लड़ाया जाएगा। बसंत मेहता, एडीओ पंचायत ने कहा कि संभावना है कि 20 अगस्त तक जनपद की आरक्षण सूची जारी होगी। मामला शासन स्तर का है। फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं है।


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