गदरपुर बाईपास मामले में सरकार, डीएम व एनएचएआइ को अवमानना नोटिस
याचिका में कहा गया था कि बाइपास नहीं होने की वजह से आए दिन जाम लगता है। सड़क हादसों में लोग जान गंवा रहे हैं। इस पर मई 2019 में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बाईपास निर्माण कार्य जनवरी 2020 तक पूरा करने के निर्देश दिए थे।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने ऊधमसिंह नगर जिले के बाजपुर-सितारगंज हाईवे (एनएच-74) में गदरपुर बाईपास का काम पूरा नहीं होने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार, डीएम, एनएचएआइ और नगरपालिका गदरपुर के ईओ को अवमानना नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
व्यापार मंडल गदरपुर के महामंत्री मनीष फुटेला ने बाईपास मामले में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि बाइपास नहीं होने की वजह से आए दिन जाम लगता है। सड़क हादसों में लोग जान गंवा रहे हैं। इस पर मई 2019 में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बाईपास निर्माण कार्य जनवरी 2020 तक पूरा करने के निर्देश दिए थे। जब तय समय में काम पूरा नहीं हुआ तो मनीष की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई। शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में मामले को सुनने के बाद पक्षकारों को अवमानना नोटिस जारी किया है।
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शपथ पत्र के साथ फोटोग्राफ पेश करें
हाई कोर्ट ने कोटद्वार में नजूल भूमि व बदरीनाथ हाईवे पर अतिक्रमण के मामले में दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की। इसमें फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही याचिकाकर्ताओं से शपथ पत्र के साथ फोटोग्राफ सहित कोर्ट में पेश कर यह बताने को कहा है कि उनके द्वारा अतिक्रमण नहीं किया गया है। अगली सुनवाई 25 जनवरी नियत की गई है।
दरअसल, कोटद्वार के मुजीब नैथानी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने बदरीनाथ हाईवे व नजूल भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित कर दिए थे। इधर, प्रभावित दुकानदार विजय मैठाणी समेत एक दर्जन से अधिक लोगों ने पुनर्विचार याचिका दायर की। उनका कहना है कि उनके द्वारा अतिक्रमण नहीं किया गया है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायााधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में हुई।