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Nainital News: खराब एसी के बदले 45 दिन में नया एसी लगाकर दें : उपभोक्ता आयोग

बाक्स से एसी को बाहर निकालने पर एसी का आउटडोर भाग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त मिला। प्रतिष्ठान मैनेजर ने भरोसा दिया कि 15 दिन में एसी का आउटडोर भाग बदल देंगे लेकिन कुछ दिन बाद एसी के इंडोर भाग व कूलिंग व फंक्शनल समस्या पैदा हो गई।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 06 May 2022 11:40 PM (IST)Updated: Fri, 06 May 2022 11:40 PM (IST)
परिवादी को मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के पांच हजार, परिवाद व्यय के दो हजार करने को कहा है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी को डेढ़ माह के भीतर डैक्कन एयर कंडीशनिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को खराब एसी के बदले उतनी ही कीमत का का नया एसी उपभोक्ता को मुहैया कराने का आदेश पारित किया है। आयोग ने परिवादी को मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के पांच हजार, परिवाद व्यय के दो हजार करने को कहा है।

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बिठौरिया भवानी कालोनी हल्द्वानी निवासी सुभाष सिंह ने आयोग में एक परिवाद दायर किया था। कहा था कि 14 जून 2019 को डैक्कन एयर कंडीशनिंग इंडिया प्रा लि के अधिकृत डीलर मंजीत इलेक्ट्रानिक से 32 हजार पांच सौ रुपये में एसी खरीदा। कंपनी ने पांच साल कंप्रेशर व एक साल इंडोर-आउटडोर भाग की गारंटी-वारंटीदी थी। परिवादी को एडीबी फाइनेंस के अधिकृत एजेंट ने एसी ऋण के रूप में क्रय करने का आग्रह किया था। सहमति के बाद वादी ने फाइनेंस कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि को 6971 रुपये का अग्रिम भुगतान किया। शेष 25 हजार 529 रुपये का भुगतान मंजीत इलेक्ट्रानिक को फाइनेंसर की ओर से किया गया।

परिवादी को 3250 रुपये में आठ मासिक किश्तों में बकाया राशि की अदायगी करनी थी। अधिकृत व्यक्ति एसी लेकर घर आया। बाक्स से एसी को बाहर निकालने पर एसी का आउटडोर भाग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त मिला। परिवादी ने प्रतिष्ठान मैनेजर को इसकी जानकारी दी।

प्रतिष्ठान मैनेजर ने भरोसा दिया कि 15 दिन में एसी का आउटडोर भाग बदल देंगे, इस भरोसे पर परिवादी ने एसी लगवा लिया लेकिन कुछ दिन बाद एसी के इंडोर भाग व कूलिंग व फंक्शनल समस्या पैदा हो गई।

मैनेजर को सूचना देने पर प्रतिष्ठान संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया। एसी की तकनीकी खामी को लेकर सूचना विपक्षी को दी गई, फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधि को भुगतान नहीं करने को कहा गया, लेकिन इसके बावजूद धनराशि प्रतिष्ठान के बैंक खाते में भेज दी गई। कंपनी को शिकायत की गई तो बताया गया कि प्रतिष्ठान ब्लैक लिस्टेड है। विपक्षियों ने जब रकम वापस नहीं की तो उनको विधिक नोटिस दिए गए, फिर वाद दायर किया।

आयोग अध्यक्ष रमेश चंद्र जायसवाल, सदस्य विजयलक्ष्मी थापा व लक्ष्मण ङ्क्षसह रावत ने मामले में आदेश पारित करते हुए कहा कि मंजीत इलेक्ट्रानिक मात्र डीलर है जबकि फाइनेंसर को सीधी जिम्मेदारी से मुक्त माना जा सकता है। आयोग ने आदेश में कंपनी के विरुद्ध वाद स्वीकार करते हुए 45 दिन में नया एसी लगाने को कहा है।


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