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नर्स भर्ती के लिए मांगे गए एक साल के अनुभव के विरोध में तेज बारिश में उपवास पर बैठे कांग्रेसी

स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्स के 1238 पदों पर भर्ती के लिए तय 30 बेड वाले किसी अस्पताल में एक वर्ष के कार्य अनुभव संबंधी अर्हता के खिलाफ कांग्रेसी तेज बारिश व ठंड के बीच धरना व उपवास पर डटे रहे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 09:37 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 09:37 AM (IST)
नर्स भर्ती के लिए मांगे गए एक साल के अनुभव के विरोध में तेज बारिश में उपवास पर बैठे कांग्रेसी

अल्मोड़ा, जागरण संवाददाता : स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्स के 1238 पदों पर भर्ती के लिए तय 30 बेड वाले किसी अस्पताल में एक वर्ष के कार्य अनुभव संबंधी अर्हता के खिलाफ कांग्रेसी तेज बारिश व ठंड के बीच धरना व उपवास पर डटे रहे। विपक्षी नेताओं ने दो टूक चेतावनी दी है कि यदि पर्वतीय जिलों की परिस्थितियों के अनुरूप अर्हताएं तय न की गई तो राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन और तेज किया जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री की ओर से लिए गए निर्णय पर कांग्रेसियों ने धरना व उपवास तोड़ने का फैसला ले लिया गया है।

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बीते रोज गांधी पार्क में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं व पदाधिकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ 24 घंटे का धरना शुरू कर दिया था। उन्होंने स्टाफ नर्सेस की भर्ती के लिए मांगी गई अर्हताओं को अव्यवहारिक करार दे आंदोलन का ऐलान किया। दरअसल, स्टाफ नर्सेस की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से 30 या इससे अधिक बेड वाले किसी सरकारी या निजी चिकित्सालय में एक वर्ष का कार्य अनुभव मांगा गया था। कांग्रेसियों का तर्क था कि पर्वतीय जिलों के अधिसंख्य चिकित्सालयों में 30 बेड वाले अस्पताल हैं ही नहीं।

ऐसे में स्टाफ नर्स बनने का सपना संजोए हजारों शिक्षित बेटियां एक वर्ष का कार्य अनुभव कैसे और कहां से लेंगी। उपनेता प्रतिपक्ष करन सिंह माहरा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक जागेश्वर गोविंद सिंह कुंजवाल के साथ ही पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, पूर्व विधायक मनोज तिवारी, पालिकाध्यक्ष प्रकाश दोशी धरने पर बैठ गए थे। इधर प्रकाश जोशी व वैभव पांडे आदि कार्यकर्ता रातभर गांधी पार्क में उपवास पर डटे रहे। बुधवार की सुबह विधायक कुंजवाल दोबारा उपवास स्थल पर पहुंचे। कांग्रेसियों की बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री की ओर से स्टाफ नर्सेस की भर्ती के संबंध में नया निर्णय लिए जाने पर 24 घंटे का धरना व उपवास समय पूर्व खत्म करने का निर्णय ले लिया गया।


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