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सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आइआइएम के छात्रों से कहा, प्रभु हनुमान से सीखें मैनेजमेंट

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रबंधन के विद्यार्थियों को हनुमान पाठ पढ़ाकर उन्हें अपना बल याद दिलाया। उन्होंने वबताया कि प्रबंधन के सबसे श्रेष्ठ गुरु हनुमान हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 05:47 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 05:47 PM (IST)
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आइआइएम के छात्रों से कहा, प्रभु हनुमान से सीखें मैनेजमेंट
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आइआइएम के छात्रों से कहा, प्रभु हनुमान से सीखें मैनेजमेंट

काशीपुर, जेएनएन : सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रबंधन के विद्यार्थियों को हनुमान पाठ पढ़ाकर उन्हें अपना बल याद दिलाया। उन्होंने बताया कि प्रबंधन के सबसे श्रेष्ठ गुरु हनुमान हैं। जिनमें प्रबंधन से संबंधित सभी कलाएं विद्यमान हैं। इसलिए प्रबंधन के छात्रों को भगवान हनुमान से सीखने की जरूरत है। उन्होंने रिटायर्ड आइएएस प्रोफेसर विजय अग्रवाल द्वारा लिखित किताब मैनेजमेंट गुरु हनुमान के उन 10 गुणों का भी जिक्र किया। जिसमें भगवान हनुमान को प्रबंधन का सर्वश्रेष्ठ गुरु बताया गया है।

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रविवार को प्रदेश के मुखिया रावत कुंडेश्वरी स्थित आइआइएम में आयोजित उत्तिष्ठ-2019 इंटरप्रिन्योरशिप को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देशभर से 320 लोगों ने आवेदन किया था। जिसमें से आइआइएम द्वारा 37 लोगों को सलेक्ट किया। दो माह से इन लोगों को स्टार्टअप के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा था। कहा कि देश के प्रत्येक कोने से यहां स्टार्टअप उद्यमी पहुंचे हैं। आइआइएम में आज लघु भारत जैसा स्वरूप बना है। सीएम रावत ने प्रोफेसर अग्रवाल की किताब मैनेजमेंट गुरु हनुमान के उन 10 गुणों को विस्तार से समझाया। जिससे भगवान हनुमान को प्रबंधन का सर्वश्रेष्ठ गुरु माना गया है। उन्होंने बताया कि हनुमान जी में संवाद कौशल, विनम्रता, आदर्श से समझौता, प्रतिभा, समस्या नहीं समाधान, भावनाओं का संतुलन, नेतृत्व क्षमता, बौद्धिक कुशलता और समर्पण विद्यमान था। अपने पूरे संबोधन में सीएम रावत ने प्रबंधन के विद्यार्थियों को हनुमान पाठ पढ़ाकर उनका बल याद दिलाने की कोशिश की।

इस मौके पर सांसद अजय भट्ट, विधायक हरभजन सिंह चीमा, किच्छा विधायक राजेश शुक्ला, मेयर ऊषा चौधरी, कुमाऊं आयुक्त राजीव रौतेला, डीआइजी जगतराम जोशी, आइआइएम डायरेक्टर प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी, डीन प्रोफेसर केएम बहरुल इस्लाम, कार्यक्रम निर्देशक प्रोफेसर सफल बत्रा आदि मौजूद रहे।

छात्रावास बनवाने का भी दिया आश्वासन

आइआइएम के डायरेक्टर प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी ने अपने संबोधन में कहा कि फिल्हाल आइआइएम के छात्रावास में 500 छात्रों के रहने की व्यवस्था है। लेकिन आइआइएम को एक और छात्रावास की जरूरत है। जिससे कि 1120 छात्रों की रहने की व्यवस्था हो सके। अपना संबोधन खत्म होने के बाद सीएम रावत ने डायरेक्ट बलूनी को जल्द छात्रावास बनवाए जाने का आश्वासन दिया।

राज्य की प्रतिष्ठा में चार चांद लगा रहे प्रशिक्षण संस्थान

उत्तराखंड राज्य की धरती पर पंतनगर विश्वविद्यालय है। सीएम रावत ने कहा कि एनआइटी के साथ ही पांच मेडिकल यूनिर्विसटी, दो प्राइवेट यूनिर्विसटी, नेशनल लॉ यूनिर्विसटी के साथ ही पहले से ही आइआइटी भी है। इसके साथ ही आइआइएम खुलने से जहां राज्य की प्रतिष्ठा बढ़ी है। वहीं सभी प्रशिक्षण संस्थान राज्य की प्रतिष्ठा में चार चांद लगा रहे हैं। निश्चित रूप से यहां से निकलने वाले छात्र आइआइएम के साथ ही राज्य का भी देश दुनिया में मान बढ़ाएंगे। आइआइएम के साथ हम अहमदाबाद का उदाहरण सामने रखकर के आगे बढ़ सकते हैं।


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