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व्यास वैली में पर्यटकों की राह खोलेगा शिव महोत्सव, 20 को मुख्यमंत्री धामी करेंगे शुभारंभ

जौहार दारमा और चौदास की तरह जल्द ही व्यास वैली भी पर्यटकों से गुलजार होगी। देश दुनिया के लोगों को इस क्षेत्र की जानकारी देने के लिए उत्तराखंड सरकार 10 हजार फिट की ऊंचाई पर बसे गुंजी गांव में व्यास महोत्सव का आयोजन कर रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:05 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:05 AM (IST)
व्यास वैली में पर्यटकों की राह खोलेगा शिव महोत्सव, 20 को मुख्यमंत्री धामी करेंगे शुभारंभ
गुंजी गांव में व्यास महोत्सव का आयोजन कर रही, 20 को मुख्यमंत्री धामी करेंगे शुभारंभ

संवाद सूत्र, धारचूला : जौहार, दारमा और चौदास की तरह जल्द ही व्यास वैली भी पर्यटकों से गुलजार होगी। बेहद खूबसूरत इस वैली में अभी तुलनात्मक रूप से पर्यटकों की आमद कम है। देश दुनिया के लोगों को इस क्षेत्र की जानकारी देने के लिए उत्तराखंड सरकार 10 हजार फिट की ऊंचाई पर बसे गुंजी गांव में व्यास महोत्सव का आयोजन कर रही है। जिसकी शुरुआत 20 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे।

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व्यास वैली चीन और नेपाल सीमा से लगी हुई है। कैलास मानसरोवर यात्रा और भारत-चीन व्यापार इसी वैली से होता है। देश भर से आने वाले कैलास मानसरोवर यात्रियों को यह वैली खूब भाती है। एक वर्ष पूर्व तक इस वैली में पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ती है। अब भारतीय सीमा के अंतिम छोर तक सड़क का निर्माण हो चुका है। कोरोना के चलते पिछले दो वर्ष से कैलास मानसरोवर यात्रा नहीं हो पाई है और न ही भारत-चीन व्यापार चल पाया है।

इस वैली के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए पहली बार गुंजी गांव में शिव महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस महोत्सव में स्थानीय लोक संस्कृति, यहां के खान-पान, क्षेत्र में मिलने वाली बहुमूल्य जड़ी बूटियों की जानकारी लोगों को मिल पायेंगी। सरकारी विभाग स्टाल लगाकर स्थानीय लोगों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी देंगे। स्थानीय प्रशासन अधिक से अधिक लोगों को शिव महोत्सव में पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहा है। आने वाले वर्षों में शिव महोत्सव को और बढ़ा स्वरू प दिया जाएगा।

कैलास मानसरोवर यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है गुंजी

कैलास मानसरोवर यात्रा का मुख्य पड़ाव गुंजी गांव ही है। करीब दस हजार फिट की ऊंचाई पर बसे इस गांव में कैलास मानसरोवर यात्री दो दिन विश्राम करते हैं। यहां यात्रियों की शारीरिक जांच की जाती है। जांच में फिट पाए जाने वाले यात्री ही आगे की यात्रा कर पाते हैं। भारत चीन व्यापार के लिए भारतीय मंडी भी इसी गांव में स्थापित की गई है। व्यापार के दौरान यहां कस्टम कार्यालय, भारतीय स्टेट बैंक की शाखा भी व्यापारियों की सुविधा के लिए खोली जाती हैं।

व्यास वैली से कर सकते हैं ऊं पर्वत और छोटा कैलास के दर्शन

कैलास मानवसरोवर की तरह भी भारत की व्यास वैली में छोटा कैलास स्थापित है। मान्यता है कि छोटे के कैलास के दर्शनों से भी कैलास मानसरोवर के दर्शनों के बराबर ही पुण्य मिलता है। श्रद्धालु छोटा कैलास के दर्शनों के लिए यहां पहुंचते हैं। इसी क्षेत्र से प्रकृति के अनुपम उपहार ऊं पर्वत के दर्शन भी होते हैं। इस पर्वत पर बर्फ से ऊं की आकृति दिखाई देती है।


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