पूर्व सीएम हरीश रावत का तंज : ग्रीष्मकालीन सरकार खोजने विधानभवन गया, मिला कोरोना सेंटर
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पंजाब के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने राज्य सरकार खासतौर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर तीखे कटाक्ष किए। गैरसैंण राजधानी पर कहा कि सीएम त्रिवेंद्र जी ने बड़ी देर कर दी है। अब भी ग्रीष्मकालीन राजधानी का बोर्ड लेकर गए हैं या नहीं इस पर संशय है।
अल्मोड़ा, जेएनएन : पूर्व मुख्यमंत्री एवं पंजाब के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने राज्य सरकार खासतौर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर तीखे कटाक्ष किए। गैरसैंण राजधानी पर कहा कि सीएम त्रिवेंद्र जी ने बड़ी देर कर दी है। अब भी ग्रीष्मकालीन राजधानी का बोर्ड लेकर गए हैं या नहीं इस पर संशय है। लंबे समय से वह ग्रीष्मकालीन राजधानी का झुनझुना दिखा रहे हैं। इन पौने चार सालों में सरकार ने एक भी ईंट गैरसैंण में नहीं लगाई। तंज कसा कि पिछली बार जब वह ग्रीष्मकालीन सरकार की खोज में गैरसैंण गया तो विधानसभी भवन में कोविड सेंटर मिला।
जिला पंचायत का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर शनिवार को हुए कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे पूर्व सीएम हरदा ने त्रिवेंद्र सरकार को चौतरफा घेरा। राजधानी के सवाल पर बोले- पिछली बार जब मैं गैरसैंण ग्रीष्मकालीन सरकार खोजने गया था तो मुझे वहां कुछ दिखाई नहीं दिया। बल्कि विधानसभा भवन में कोरोना सेंटर बनाया गया था। आज भी कोई अंतर नहीं है। मुख्यमंत्री सिर्फ रस्म अदायगी करना चाहते हैं। जो उत्तराखंडियों के साथ अन्याय है।
2022 में बनेगी कांग्रेस की सरकार
वर्ष 2022 के चुनाव में कांग्रेस सरकार बनाएगी। कई विधायक चुनाव जीत कर आएंगे। भाजपा के प्रति लोगों में रोष है। डबल इंजन सरकार की विफलता, आमजन की उपेक्षा बड़ा मुद्दा रहेगा।
जिपं अध्यक्ष की तारीफों के पुल
हरीश रावत ने जिला पंचायत अध्यक्ष उमा सिंह बिष्ट के तारीफों के पुल बांधे। कहा कि एक साल का कार्यकाल बहुत बढ़िया रहा। अध्यक्ष उमा सिंह जिला पंचायत सदस्यों की अपेक्षाओं पर खरी उतरी हैं। कहा कि सरकार ने जिला योजना व जिला पंचायत के मद में 40 फीसद कटौती कर दी है। नाराजगी जताते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल में कभी कटौती नहीं की गई। कांग्रेस ने पंचायतों को काफी अधिकार दिए। भाजपा ने अब सारे अधिकार छीन लिये। पंचायतों को मिलने वाला बजट भी देर से दिया जा रहा है।
...तो त्रिवेंद्र रावत कर दिखाएं
हरदा यहीं नहीं रुके। नए जिलों के गठन की जरूरत भी बताई। कहा कि अगर वह खुद दिक्कत में न पड़ते तो निश्चित तौर पर नए जिले बनवा जाता। आगे बोले कि अब त्रिवेंद्र रावत को चैलेंज है कि जो काम हरीश रावत नहीं कर सके वह त्रिवेंद्र रावत कर सकते हैं। शुरुआत गैरसैंण से ही करनी चाहिए। विकास पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। हमारा मकसद राज्य का विकास है। अगर प्रदेश सरकार विकास करेगी तो हम निश्चित तौर पर शाबाशी देंगे।