हमारे 'अभिनंदन ' आप, दुर्गम में जाकर करें सेवा
वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान में जाकर भिड़े। उन्होंने देश के लिए अपने शौर्य का अद्भुत प्रदर्शन किया। आप (मेडिकल स्टूडेंट्स) भी हमारे अभिनंदन हैं। दुर्गम में सेवा करें।
गणेश जोशी, हल्द्वानी । वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान में जाकर भिड़े। उन्होंने देश के लिए अपने शौर्य का अद्भुत प्रदर्शन किया। आप (मेडिकल स्टूडेंट्स) भी हमारे अभिनंदन हैं। दुर्गम में सेवा करें।Ó सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की यह सीख राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत एमबीबीएस, एमडी-एमएस की पढ़ाई कर रहे उन विद्यार्थियों के लिए थी, जो दुर्गम में जाने का बांड तो भरते हैं, लेकिन जब वहां पर सेवा देने की बात आती है तो कतराते हैं। दुर्गम में डॉक्टरों की कमी झेल रही राज्य सरकार के मुखिया ने भावी डॉक्टरों को उनके सामाजिक दायित्वों के लिए भी प्रेरित किया और कहा, दूरस्थ क्षेत्रों में भी अपने ही लोग हैं। इसलिए वहां पर सेवा देना भी देश सेवा ही है।शनिवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज के मेडिकल स्टूडेंटृस से खचाखच भरे लेक्चर थिएटर में सीएम ने पूछा, उत्तराखंड से बाहर के कितने विद्यार्थी हैं? छह विद्यार्थियों ने हाथ खड़े किए तो इस पर सीएम ने सभी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। कहा, आप सभी राज्य की विषम भौगोलिक स्थिति को समझते हैं। आपको राज्य की सेवा के लिए आगे आने होगा। उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अपनी पीड़ा भी व्यक्त की और कहा, हम अस्पतालों में कितने भी संसाधन उपलब्ध करा दें, लेकिन डॉक्टर नहीं तो कुछ भी नहीं...। हमारे पास विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। अब हम एड्हॉक व्यवस्था में डॉक्टरों को रखने के बजाय स्थायी तौर पर नियुक्ति कर रहे हैं। सीएम की इन बातों को बड़ी गंभीरता से सुन रहे भावी डॉक्टर भी सोचने को मजबूर हुए।
दुर्गम में सरकार को सुविधाओं पर ध्यान देना होगा
आयोजन के समापन के बाद एमडी में पीजी की पढ़ाई कर रही एक डॉक्टर कहने लगी, सीएम की बात तो सही है, लेकिन दुर्गम में अन्य सुविधाएं ही नहीं हैं तो हम कैसे काम करेंगे? यहां तक कि दुर्गम में रहने व खाने की भी व्यवस्था नहीं है। खासकर महिला डॉक्टरों के लिए सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है। हम उनकी बातों से प्रेरित हैं और दुर्गम में जाएंगे, लेकिन उन्हें क्षेत्र के विकास के लिए अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा। साथ में खड़े एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर बोल पड़े, हम अभिनंदन बनने को तैयार हैं। दुर्गम में जाकर सेवा करेंगे।
मैं देखता रहूं, खुश रहूं, कोई फायदा नहीं
सीएम ने कहा कि आयुष्मान योजना हो या अन्य योजना। मैं अपने स्तर से प्रचार कर रहा हूं। योजना को लेकर मैं ही देखता रहूं। खुद ही खुश होता रहूं, इसका क्या फायदा। जरूरत है कि अंतिम व्यक्ति को इसका लाभ मिले।
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