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हल्द्वानी के जंगल में पहली बार ब्लैक जैकाल मिलने का दावा, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के कैमरे में हुआ कैद

Black jackal in Haldwani हल्द्वानी के जंगल में ब्लैक जैकाल मिलने का दावा किया जा रहा है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर दीपांकर खुल्बे ने अपने कैमरे में फोटो भी खींची है। अगर यह वास्तव में है तो इस इलाके में ब्लैक जैकाल देखे जाने का यह पहला मामला है।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaPublished: Fri, 07 Oct 2022 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 10:44 PM (IST)
हल्द्वानी के जंगल में पहली बार ब्लैक जैकाल मिलने का दावा, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के कैमरे में हुआ कैद
Black jackal in Haldwani : हल्द्वानी के समीपवर्ती जंगल में ब्लैक जैकाल देखा गया।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : Black jackal in Haldwani : हल्द्वानी के निकटवर्ती जंगलों में ब्लैक जैकाल (काला सियार) होने का दावा किया जा रहा है। हल्द्वानी के वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर दीपांकर खुल्बे के मुताबिक 23 सितंबर को हल्द्वानी के समीपवर्ती जंगल में ब्लैक जैकाल देखा गया। उन्होंने इसकी फोटो भी ली।

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पूर्वी यूपी में पाया जाता है

इस बीच मशहूर फोटोग्राफर पद्मश्री अनूप साह ने भी वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के पूर्व निदेशक डा. जेएस रावत के हवाले से बताया कि इस इलाके में ब्लैक जैकाल देखे जाने का यह पहला मामला है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में ब्लैक जैकाल की उपलब्धता की जानकारी है।

दुर्लभ हाइब्रिड का जानवर है यह

वाइल्ड फोटाग्राफर दीपांकर खुल्बे में मुताबिक हल्द्वानी के जंगल में पहली बार दुर्लभ हाइब्रिड का ब्लैक जैकाल देखा गया है। करीब छह माह पहले इस जंगल में गोल्डन, सफेद, गोल्डन ब्लैक रंग के सियार देखे गए। जिस जंगल में यह ब्लैक सियार मिला है, उसके निकटवर्ती क्षेत्र में नई आबादी बस रही है। यहां कूड़े के ढेरों के आसपास आवारा कुत्ते व सामान्य सियार अक्सर देखे जाते हैं।

सामन्यत: सुनहरे या पीले रंगे के होते हैं

सियार लोमड़ी की तरह दिखने वाला एक जानवर है। यह भारत के जंगलों और गन्ने आदि के खेतों में आमतौर से पाया जाने वाला मध्यम आकार का पशु है। यह मांसाहारी होता है और लगभग 85 से 95 सेमी की लंबाई तक बढते हैं, जिसमें उनकी 30-35 सेमी लंबी पूंछ भी शामिल है। इनका वज़न लगभग 7-11 किग्रा होता है। आमतौर पर इनका रंग सुनहरा या पीला होता है। मगर हल्द्वानी में काले रंग का सियार देखे जाने का दावा है, जो यहां तराई या भाबर पहले नहीं देखा गया। यूपी के पूर्वांचल इलाके में ऐसे काले सियार देखे जा सकते हैं, जहां उनका रंग धूसर लाल और पीठ काली होती है। बगलों में धारी वाले सियार का रंग स्लेटी होता है और इसकी पूंछ की छोर सफ़ेद होती है तथा दोनों तरफ़ अस्पष्ट धारी होती है।


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