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मित्र राष्ट्र भारत से बगावत करने वाले नेपाल में ही दो किमी अंदर घुसा चीन, पिलर भी उखाड़े

भारत के प्रति नेपाल को उकसाकर सीमा विवाद को तूल देने वाले चीन ने अब उसके ही पीठ में छूरा घोंपा है। कर्णाली प्रदेश के हुमला जिले में चीन दो किमी घुसकर स्थायी निर्माण कर लिया है। इस क्षेत्र में नेपाली नागरिकों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 05:59 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 04:48 PM (IST)
मित्र राष्ट्र भारत से बगावत करने वाले नेपाल में ही दो किमी अंदर घुसा चीन, पिलर भी उखाड़े
नेपाल के हुमला जिले में अतिक्रमण कर चीन ने तैयार किया भवन । सौ. से विष्णु बहादुर लामा

पिथौरागढ़, जेएनएन : भारत के प्रति नेपाल को उकसाकर सीमा विवाद को तूल देने वाले चीन ने अब उसके ही पीठ में छूरा घोंपा है। कर्णाली प्रदेश के हुमला जिले में चीन दो किमी भीतर घुसकर स्थायी निर्माण कर लिया है। इस क्षेत्र में नेपाली नागरिकों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। चीनी सैनिकों ने नेपाल का पिलर नंबर 11 भी उखाड़ दिया है।

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नेपाल से मिली जानकारी के अनुसार चीन सीमा से लगे हुमला जिले में दस साल से सक्रिय था। इस बीच उसने नाम्खा गांव पालिका के छह नंबर वार्ड लिमी के लाप्चा गांव में दो किमी अंदर घुस कर एक साथ नौ मकान बना लिए। नाम्खा गांवपालिका के अध्यक्ष विष्णु बहादुर लामा ने बताया कि चीन ने नेपाली सरकार की अनुमति के बिना ही उनकी गांव की सीमा में दखल देते हुए भवन निर्माण किया है।

लामा ने बताया कि वर्ष 2010 में लिमी से लाप्चा तक सड़क निर्माण के समय ही चीन ने तीन मकान बना दिए थे। अब चीनी सैनिक ग्रामीणों को वहां जाने नहीं दे रहे हैं। नागरिकों को धमकाकर लौटा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन के साथ ही नेपाल सरकार को दे दी गई है।

जांच के लिए टीम गठित

हुमला के प्रमुख जिलाधिकारी चिरंजीवी गिरी ने चीनी अतिक्रमण की जांच के लिए संयुक्त टीम गठित कर दी है। इसमें वह खुद और नेपाली सेना के अधिकारी, नेपाल पुलिस, नेपाली सशस्त्र बल, नेपाल खुफिया विभाग और गांव पालिका के अध्यक्ष शामिल हैं। टीम रिपोर्ट सरकार को भेजेगी।

नेपाल का दुर्गम क्षेत्र

नेपाल के कर्णाली प्रदेश का हुमला जुमला जिला चीन सीमा से लगा अति दुर्गम क्षेत्र है। यहां के लोग शारीरिक रूप से बेहद मजबूत होते हैं। यहां के घोड़े विशेष माने जाते हैं। नवंबर माह में भारत- नेपाल सीमा पर जौलजीवी में लगने वाले मेले में हुमला जुमला के घोड़े बिकने आते हैं। इनकी भारत में विशेष मांग रहती है।


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