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घर के बाहर खेल रही बच्‍ची को उठा ले गया गुलदार, डेढ़ घंटे बाद झाड़ियों में म‍िला शव

घर के पास खेल रही बच्ची को गुलदार ने मार डाला। साथ के तीन अन्य बच्चे हमले में बाल बाल बच गए। उनकी चीख पुकार सुन आसपास के लोग बच्ची को बचाने के लिए दौड़े।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 08:14 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 08:14 PM (IST)
घर के बाहर खेल रही बच्‍ची को उठा ले गया गुलदार, डेढ़ घंटे बाद झाड़ियों में म‍िला शव

भिकियासैंण (अल्मोड़ा), जेएनएन: नगर पंचायत के बाराकोट वार्ड में घर के पास खेल रही बच्ची को गुलदार ने मार डाला। साथ के तीन अन्य बच्चे हमले में बाल बाल बच गए। उनकी चीख पुकार सुन आसपास के लोग बच्ची को बचाने के लिए दौड़े। मगर गुलदार जंगल की तरफ निकल गया। वन संरक्षक (कुमाऊं) तथा डीएफओ ने विभागीय टीम को कांबिंग के निर्देश दिए। एसडीएम ने पुलिस व राजस्व की टीम के साथ गश्त तेज की। लगभग डेढ़ घंटे तक चले सर्च अभियान में घटना स्थल के पास ही घनी झाडिय़ों के बीच बच्ची का शव बरामद हुआ। 

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दिल दहला देने वाली घटना शनिवार शाम छह बजे के आसपास की है। बाजार क्षेत्र से करीब डेढ़ किमी दूर नगर पंचायत के बाराकोट वार्ड निवासी गिरीश सिंह बिष्टï की सात वर्षीय पुत्री दिव्या घर से 50 मीटर की दूरी पर आम के पेड़ के नीचे खेल रही थी। उसके साथ तीन अन्य बच्चे भी थे। तभी झाडिय़ों में घात लगाए गुलदार उसे उठा ले गया। यह मंजर देख साथ खेल रहे तीन बच्चे सुधबुध खो बैठे। बदहवास से चिल्लाने पर दिव्या की मां कविता देवी व आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। 

हिम्मत जुटा लोगों ने गुलदार का उस तरफ पीछा किया जिस ओर वह बच्ची को ले गया था। पुलिस प्रशासन को भी सूचना दी गई। इधर वन संरक्षक (कुमाऊं) प्रवीण कुमार व डीएफओ महातिम सिंह यादव ने वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम आर्या को मय टीम कांबिंग तेज करने के निर्देश दिए। एसडीएम राहुल, चौकी प्रभारी देवेंद्र सावंत, तहसीलदार हेमंत मेहरा, कानूनगो महेश चंद्र तिवारी ने पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ संयुक्त गश्त की। मगर गुलदार घटना स्थल से करीब 15 फीट दूर घनी झाडिय़ों में बच्ची को छोड़ गया था। उसका शव बरामद होते ही बाराकोट में कोहराम मच गया। मां कविता देवी गश खाकर गिर पड़ी। क्षेत्र में दहशत व गम का माहौल है।

कक्षा दो में पढ़ती थी दिव्या 

मासूम दिव्या नगर के एक पब्लिक स्कूल में कक्षा दो की छात्रा है। पिता गिरीश सिंह बिष्टï दिल्ली की एक निजी कंपनी में नौकरी करता है। घटना के बाद से बच्ची की मां कविता देवी बदहवास सी हो गई। घर पर कोहराम मच गया। राजस्व उपनिरीक्षक संजय कुमार ने शव सुपुर्दगी में ले लिया जिसे सीएचसी भिकियासैंण में रखा जाएगा। पोस्टमार्टम रविवार को होगा। 

तीन वर्ष में 31 जिंदगियां खत्म 

वर्ष 2018 में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत व पिथौरागढ़ में गुलदार मानव संघर्ष में 12 ग्रामीणों जान गवां बैठे। 70 घायल हुए। साल 2019 में 15 शिकार बने, 75 घायल। इस वर्ष गुलदार के हमले में अब तक पांच लोग मारे जा चुके, 42 घायल भी हुए। वहीं इन तीन वर्षों में चार जिलों में तीन गुलदारों को नरभक्षी होने की कीमत चुकानी पड़ी है। वहीं 40 गुलदार बेमौत मारे गए। राज्य गठन से अब तक 155 गुलदार आदमखोर घोषित किए जा चुके। इनमें 90 से ज्यादा ढेर किए गए। तमाम निशाने से बच निकले। 

अल्मोड़ा डिवीजन में हालात विकट 

अन्य पर्वतीय जिलों की तुलना में अल्मोड़ा डिवीजन (रिजर्व व सिविल) में हालात तेजी से बिगड़े हैं। यहां पिछले पांच साल में अब तक 21 लोग जान गंवा चुके। बीती छह जुलाई की शाम डूंगरी ग्राम पंचायत (भैंसियाछाना ब्लॉक) के उडल तोक में ढाई वर्षीय बच्चे को गुलदार उठा ले गय था। इसके तीन दिन बाद ही पेटशाल में गुलदार ने बुजुर्ग महिला को निवाला बना लिया था। अब भिकियासैंण के बाराकोट में बच्ची शिकार बनी। 

शव बरामद होते ही गम व गुस्से का माहौल 

मासूम का शव बरामद होते ही क्षेत्र का माहौल गरमा गया। गांधी नगर वार्ड के बाराकोट में बेतरतीब उगी झाडिय़ां जंगल का रूप ले चुकी हैं। लोगों ने कहा कि नगर पंचायत की ओर से सफाई अभियान चला समय पर झाडिय़ां काटी जाती तो गुलदार आबादी के बीच से बच्ची को नहीं उठाता।


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