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बारिश ने बिगाड़े हालात, पिथौरागढ़ में तीन दिन से नहीं उठा वृद्धा का शव, अल्‍मोड़ा में दफ्न हो गया बच्‍चा

शनिवार को मौसम ने जैसे ही फिर करवट ली कि पहाड़ पर दुश्वारियों ने जख्म दे दिए। पिथौरागढ़ जिले में आधा दर्जन से अधिक सड़कें बह गईं तो मुख्य मार्गों पर मलवा आने से आवाजाही ठप हो गई।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 08:43 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 08:43 AM (IST)
बारिश ने बिगाड़े हालात, पिथौरागढ़ में तीन दिन से नहीं उठा वृद्धा का शव, अल्‍मोड़ा में दफ्न हो गया बच्‍चा
बारिश ने बिगाड़े हालात, पिथौरागढ़ में तीन दिन से नहीं उठा वृद्धा का शव, अल्‍मोड़ा में दफ्न हो गया बच्‍चा

हल्द्वानी, जेएनएन : शनिवार को मौसम ने जैसे ही फिर करवट ली कि पहाड़ पर दुश्वारियों ने जख्म दे दिए। पिथौरागढ़ जिले में आधा दर्जन से अधिक सड़कें बह गईं तो मुख्य मार्गों पर मलवा आने से आवाजाही ठप हो गई। सड़क के बहने से नाचनी में एक वृद्धा की तीन दिन से अंत्येष्टि नहीं हो सकी है, परिजनों के गुहार लगाने पर प्रशासन ने आईटीबीपी के जवानों को मार्ग खोलने के लिए लगाया है, रविवार को अंतिम संस्कार होने की संभावना है। मौसम की खराबी के चलते नैनी-सैनी हवाई पïट्टी से रचा घंटे तक हवाई सेवा भी प्रभावित रही। इधर, अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया विकासखंड के सीमांत क्षेत्र जौरासी से लगे सौगड़ा गांव में भूस्खलन में दबने से एक मासूम की जान चली गई। 

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अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया विकासखंड के सीमांत क्षेत्र जौरासी से लगे सौगड़ा गांव में कोरनी-छित्ताड़ निवासी भूपेंद्र सिंह पैलिया की पत्नी गीता देवी आठ वर्षीय बेटे योगेश को साथ लेकर शुक्रवार को अपने मायके ग्राम पंचायत ग्वालबीना स्याल्दे के सौंगड़ा गांव आई थी। शाम को गीता देवी घर से कुछ दूरी पर स्थित नल से पानी लेने गई। पीछे-पीछे बेटा योगेश भी साथ में हो लिया। इसी बीच निर्माणाधीन सड़क से लगी पहाड़ी अचानक दरक गई तथा चट्टान के साथ ही बच्चा नीचे सड़क पर जा गिरा। जहां बोल्डर व मलबे में दबकर योगेश की मौके पर ही मौत हो गई। मां के चिल्लाने की आवाज सुनकर पास के दान सिंह समेत गांव के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। करीब आधा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला गया। देर रात करीब ढ़ाई बजे प्रभारी तहसीलदार भिकियासैंण दिवान गिरि, कानूनगो महेश तिवारी व राजस्व उपनिरीक्षक जगदीश जोशी ने राजस्व टीम के साथ घटना स्थल का मौका मुआयना किया। शनिवार को सीएचसी चौखुटिया में पोस्टमार्टम के बाद शव को राजस्व पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया। 

इधर, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला जौलजीवी, नाचनी क्षेत्र में मूसलधार बारिश से काली, गोरी और रामगंगा नदी का पानी घाटियों में कहर बरपा रहा है। टनकपुर -तवाघाट हाईवे पर कालिका और धारचूला के मध्य गोठी में सड़क बह गई है। जिले के सबसे व्यस्ततम मुख्य राजमार्ग पर दर्जनों वाहन फंसे हुए हैं। धारचूला सहित  चीन सीमा से लगे उच्च हिमालयी भू भाग का शेष जगत से संपर्क भंग हो गया है। जौलजीवी में बिजेसार नाले के कहर से मुनस्यारी मार्ग घंटों बंद रहा। बिजेसार में एक परिवार ने रात को घर से भाग कर जान बचाई। आपदा प्रभावित तल्ला जोहार में स्थित बेहद दयनीय बनी है। नाचनी क्षेत्र के आपदा प्रभावित राया गांव में दो दिन पूर्व दिवंगत महिला के शव को मार्ग ध्वस्त होने से श्मशान घाट तक नहीं पहुंचाया जा सका है। दो दिन बीतने के बाद भी स्थिति यथावत रहने पर मृतका के पुत्र ने शासन-प्रशासन से अपनी मां की अंत्येष्टि के लिए मार्ग खोलने का अनुरोध किया। इस अनुरोध पर प्रशासन जागा और मार्ग खोलने के लिए लोनिवि के अभियंता और आइटीबीपी के डेढ़ दर्जन जवान राया गांव को रवाना किए हैं।

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