Uttarakhand News: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में 40 मुकदमों में चार्जशीट दाखिल
छात्रवृत्ति घोटाले में इससे पूर्व एसआइटी ने जिले के जसपुर काशीपुर बाजपुर सितारगंज नानकमत्ता और खटीमा में 60 केस दर्ज किए थे। इसमें करीब 50 से अधिक बिचौलिए शिक्षक जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को नामजद करते हुए 24 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में यूएस नगर के अलग अलग थानों में दर्ज 60 केसों में 40 केसों में चार्जशीट लगा दी गई है। जबकि 16 केस में एसआइटी पहले ही चार्जशीट लगा चुकी थी और तीन मामले में एफआर लग चुकी है। अब एसआइटी दूसरे चरण में यूएस नगर के शैक्षिक संस्थान और उनमें अध्ययनरत लाभार्थियों की जांच कर रही है।
2011-12 में समाज कल्याण विभाग की दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में अनियमितता मिली थी। जिस पर शासन ने एसआइटी का गठन कर जांच के निर्देश दिए थे। जिले में पहले चरण में एसआइटी ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान, उप्र, दिल्ली और मध्य प्रदेश के 303 शैक्षणिक संस्थानों व अध्ययनरत 3034 छात्रों से पूछताछ की।
इस दौरान पता चला कि बिचौलियों ने जिला समाज कल्याण विभाग और कालेजों से मिलीभगत की है। बिचौलियों ने छात्रों को रकम का प्रलोभन देकर उनके दस्तावेज प्राप्त कर कालेजों में फर्जी प्रवेश दिलाए। जिससे जिला समाज कल्याण विभाग से करीब 14 करोड़ की छात्रवृत्ति हड़पी थी। इस पर एसआइटी ने जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, सितारगंज, नानकमत्ता और खटीमा में 60 केस दर्ज किए थे। इसमें करीब 50 से अधिक बिचौलिए, शिक्षक, जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को नामजद करते हुए 24 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि दर्ज 60 केसों में से 16 केसों में पहले चार्जशीट और तीन में एफआर लगाई जा चुकी है। 40 मुकदमों की भी विवेचना पूरी कर एसआइटी ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी है।
116 कालेजों की हो चुकी जांच पूरी
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की दूसरे चरण की जांच में यूएस नगर के 203 सरकारी, अर्द्धसरकारी और निजी शैक्षिक संस्थानों की जांच जारी है। अब तक एसआइटी जिले के 116 कालेज की जांच पूरी कर उनमें अध्ययन करने के दौरान छात्रवृत्ति लेने वाले लाभार्थियों से भी पूछताछ कर चुकी है लेकिन कोई अनियमितता नहीं मिली। जबकि 87 कालेजों की जांच अभी भी जारी है। जिला समाज कल्याण विभाग से मिले दस्तावेजों का शैक्षिक संस्थानों के छात्रवृत्ति से जुड़े दस्तावेजों से मिलान किया जा रहा है।