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मुरादाबाद में काशीपुर के पहलवान की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज

महेश को शुरू से पहलवानी का शौक रहा था लेकिन वह घर से मंदिर में दर्शन की बात कहकर वह निकला था। लेकिन फरीदनगर के पहलवान साजिद अंसारी से महेश का कुश्ती से मुकाबला हुआ। इस दौरान दांव में उसकी गर्दन नीेचे आते ही टूट जाती है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 11:08 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 11:08 PM (IST)
मुरादाबाद में काशीपुर के पहलवान की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज
मृतकों के परिजनों ने कहा कि अभी उनके बेटे को इंसाफ दिलाने की आधी लड़ाई पूरी हुई।

जागरण संवाददाता, काशीपुर: कुश्ती के दौरान पहलवान की मौत के मामले में मुरादाबाद में मुकदमा दर्ज होने के बाद काशीपुर में मृतकों के परिजनों ने कहा कि अभी उनके बेटे को इंसाफ दिलाने की आधी लड़ाई पूरी हुई है। मामले में अभी भी जिम्मेदार दो लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। मृतक महेश के पिता भूपाल स‍िंह का कहना है कि बेटे के मौत के सदमे में उनका परिवार ङ्क्षजदगी काट रहा है लेकिन इसी बीच उनको धमकाने से लेकर उनके ईमान को खरीदने तक की कोशिश हुई लेकिन हम नहीं टूटे। इस दौरान दैनिक जागरण अखबार मामले में लापरवाही की खबर पर लगातार हमारा साथ दिया जिससे आज जाकर मुकदमा दर्ज हो सका है। 

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02 सितंबर को काशीपुर के गंगापुर रकवा गांव के निवासी महेश स‍िंह पुत्र गोपाल स‍िंह मुरादाबाद जिले के फरीदपुर में आयेजित दंगल देखने गए थे। महेश को शुरू से पहलवानी का शौक रहा था लेकिन वह घर से मंदिर में दर्शन की बात कहकर वह निकला था। लेकिन  फरीदनगर के पहलवान साजिद अंसारी से महेश का कुश्ती से मुकाबला हुआ। इस दौरान दांव में उसकी गर्दन नीेचे आते ही टूट जाती है। गर्दन टूटने की वजह से उसकी मौके पर मौत हो गई।

कैसे चलेगा परिवार 

मामले में अभी तक अपने बेटे के मौत न्याय दिलाने की जंग लड़ रहे परिवार के सामने आगे जीवन चलाने की चुनौती भी है। महेश के बच्चे पापा के आने की रट लगाते हैं तो पत्नी पूरी टूट जाती है। भविष्य कैसे चलेगा इसकी ङ्क्षचता माथे पर बल दे रही है। अभी तक प्रशासनिक तौर भी परिवार को एक पैसे की मदद नहीं मिल सकी है।  

अन्य दोषियों को मिले सजा

परिजनों का कहना है कि यह मौत हादसा नहीं है बल्कि उनके बेटे की हत्या की गई है। इस मामले में फरीदनगर के प्रधान अतीक भी उतना ही दोषी हैं उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए। मैच के आयोजक और रेफरी पर भी मुकदमा चलना चाहिए। परिवार वालों ने अपनी सुरक्षा पर भी ङ्क्षचता प्रकट करते हुए प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद परिवार को समझौता करने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। इसमें मुकदमा वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है। 


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