रेंजर समेत वन टीम पर हमला करने वाले दस आरोपितों पर मुकदमा दर्ज nainital news
बाजपुर के बन्नाखेड़ा पुलिस चौकी से लौट रही वन टीम का पीछा कर हमला करने के मामले में पुलिस ने बरहैनी वनाधिकारी रूप नारायण गौतम की तहरीर पर नामजद 10 लोगों के पर मुकदमा दर्ज किया है।
बाजपुर, जेएनएन : बाजपुर के बन्नाखेड़ा पुलिस चौकी से लौट रही वन टीम का पीछा कर हमला करने के मामले में पुलिस ने बरहैनी वनाधिकारी रूप नारायण गौतम की तहरीर पर नामजद 10 लोगों के पर मुकदमा दर्ज करते हुए नौ को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजने के निर्देश दे दिए गए हैं।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर के अंतर्गत बरहैनी वन क्षेत्राधिकारी रूप नारायण गौतम के अनुसार पुलिस व वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा पकड़ी गई खैर की लिखा-पढ़ी करके वह बन्नाखेड़ा पुलिस चौकी से वह वन कर्मियों के साथ बरहैनी पौधशाला वापस लौट रहे थे। आरोप है कि बन्नाखेड़ा से ही एक कार व बाइक द्वारा उनका पीछा शुरू कर दिया गया। खतरे भांपते हुए चालक ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी और बरहैनी कस्बा के पास पहुंच गए। आरोप है कि आबादी में आने के बाद वाहन रोक कर जैसे ही बाहर निकले तो उनका पीछा कर रहे आरोपितों ने धारदार हथियारों से हमला बोल दिया जिसमें वनाधिकारी व अन्य पुलिस कर्मियों को चोटें भी आई हैं। वहीं पुलिस ने इस मामले में वनाधिकारी रूप नारायण गौतम की तहरीर में नामजद सतनाम, रवि सागर, शेरा, रनजीत, कमजीत, हरप्रीत, बलकार, मनप्रीत, गुरमीत व गुरदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की तफ्तीश एसआइ दीपक कौशिक को सौंपी गई है। वहीं गुरुवार को कोतवाल एनभी भट्ट ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों को बरहैनी चौराहा के पास से गिरफ्तार कर लिया है जिन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश दे दिए गए हैं।
वन टीम पर हमले को लेकर दिनभर कोतवाली में रहा जमावाड़ा
वचन टीम पर हमले को लेकर पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारियों से कुछ ग्रामीणों में रोष व्याप्त है जिसमें उनका आरोप है कि हमला करने वालों को पकडऩे के बजाय पुलिस ने कुछ लोगों को नाजायज पकड़ लिया है, जिनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी इन लोगों को छोड़ा नहीं जा रहा है। वहीं इस मामले को लेकर कोतवाली में दिनभर लोगों का जमावड़ा लगा रहा तथा ग्रामीण पुलिस पर अनेक आरोप भी लगा रहे थे, परंतु उच्चाधिकारियों से लिखित में शिकायत करने के लिए कोई आगे आने को तैयार नहीं हुआ।