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डीपीआर पर कैग की आपत्ति से मचा बवाल, टनकपुर-जौलजीबी सड़क निर्माण में लापरवाही से सरकार को करोड़ों की चपत

कैग की रिपोर्ट में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्व टनकपुर-जौलजीबी सड़क की डीपीआर गलत बनाने का मामला उजागर होने के बाद पहले से ही विवादित सड़क को लेकर नई बहस छिड़ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिस्टम की लापरवाही से सरकार को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 04:14 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 06:20 PM (IST)
डीपीआर पर कैग की आपत्ति से मचा बवाल, टनकपुर-जौलजीबी सड़क निर्माण में लापरवाही से सरकार को करोड़ों की चपत
173 किमी सड़क का निर्माण प्रस्तावित था लेकिन सड़क की लंबाई केवल 135 किमी ही रखी गई।

चम्पावत, जागरण संवाददता : कैग की रिपोर्ट में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्व टनकपुर-जौलजीबी सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) गलत बनाने का मामला उजागर होने के बाद पहले से ही विवादित सड़क को लेकर नई बहस छिड़ गई है। कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 263 किलोमीटर की खुली नेपाल सीमा में 173 किमी सड़क का निर्माण प्रस्तावित था लेकिन सड़क की लंबाई केवल 135 किमी ही रखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे सिस्टम की लापरवाही से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।

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महालेखा परीक्षक की शनिवार को सदन के पटल में रखी गई रिपोर्ट में सड़क की डीपीआर गलत बनाए जाने का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोनिवि ने संबंधित ठेकेदार को यह बात बताई ही नहीं कि सड़क किस स्थान से होकर गुजरनी है। इस लापरवाही के कारण सरकार को करीब 1.92 कारोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने करीब 209 करोड़ रुपये दिए थे। इनमें से आठ साल में सिर्फ 73 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए।

कैग रिपोर्ट में सड़क की डीपीआर को पूरी तरह गलत बताया गया है। कहा है कि 12 किमी लंबी सड़क का निर्माण नियमों की धज्जियां उड़ाकर किया गया। सड़क निर्माण के दौरान काटे जाने वाले पेड़ों के निस्तारण के लिए वन विभाग से समय पर अनुमति भी नहीं ली गई। रिपोर्ट के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निगरानी के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट का सहारा नहीं लिया गया और 9.21 करोड़ रुपये अन्य कार्यों में खर्च कर दिए गए।

लोहाघाट के विधायक कर रहे हैं मुखर विरोध

टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग निर्माण में धांधली की शिकायत लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फत्र्याल शुरू से ही करते आए हैं। मामले की निष्पक्ष जांच न कराने का आरोप लगाते हुए विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ सदन में काम रोको प्रस्ताव भी ला चुके हैं। विधायक फत्र्याल अभी भी इस मामले को लेकर अपनी सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं।

आरोप सही साबित हुए, अब सीबीआई जांच हो

लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने कहा है कि टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग के किलोमीटर 30500 से लेकर किलोमीटर 55 तक के निर्माण कार्य को लेकर उन्होंने जो आरोप लगाए थे वह कैग की रिपोर्ट में सच साबित हो गए हैं। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच करने की मांग की है। कहा कि कैग की रिपोर्ट से यह भी लोगों के सामने आ गया है कि उन्होंने संबंधित विभाग और ठेकेदार के खिलाफ जो आरोप लगाए वह न तो मन गढंत थे और न ही उनमें कोई द्वैष की भावना थी। विधायक ने बताया कि उनकी लड़ाई सिर्फ भ्रष्टाचार से है। उन्हें इस बात का संतोष है कि जो आरोप उन्होंने लगाए वे सौ फीसदी सच साबित हो गए हैं।

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