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बेस अस्पताल में सिर्फ एक फिजीशियन, उसका भी कर दिया ट्रांसफर

बेस अस्पताल फिर बेसलेस होने को है। यहां पर एकमात्र फिजीशियन का तबादला कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 10:27 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 10:27 PM (IST)
बेस अस्पताल में सिर्फ एक फिजीशियन, उसका भी कर दिया ट्रांसफर

जागरण संवाददाता, हल्द्वान : बेस अस्पताल फिर बेसलेस होने को है। यहां पर एकमात्र फिजीशियन का भी ट्रांसफर कर दिया गया। इनके स्थान पर किसी अन्य फिजीशियन की तैनाती के आदेश नहीं हुए है। इसके चलते केवल फिजीशियन की ओपीडी में पहुंचने वाले 200 से अधिक मरीज प्रभावित होंगे। यह भी ऐसे समय में, जब संक्रामक बीमारियों को जबरदस्त प्रकोप चल रहा है। डेंगू, मलेरिया के अलावा जापानी इंसेफ्लाइटिस व चिकगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियों लगातार बढ़ रही हैं। इसके चलते अस्पताल की ओपीडी से लेकर वार्ड तक पटा पड़ा है। अन्य स्पेशलिस्ट भी नहीं

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बेस अस्पताल में एकमात्र ईएनटी, ऑर्थो सर्जन व जनरल सर्जन कार्यरत हैं। इसमें से कोई एक दिन भी छुट्टी चला गया, तो ओपीडी से लेकर सर्जरी तक ठप हो जाती है। इसके अलावा इमरजेंसी, यात्रा, वीवीआपी ड्यूटी व चिकित्सा शिविरों में जाना पड़ता है। मरीज इंतजार ही करते रह जाते हैं। इसके अलावा न्यूरोसर्जन, नेफ्रोलॉजिस्ट, हार्ट स्पेशलिस्ट भी नहीं है। इनकी कमी के चलते अक्सर मरीजों की फजीहत हो जाती है। गंभीर मरीजों को किया जा रहा रेफर

बेस अस्पताल में गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है। जैसे ही मरीज इमरजेंसी में पहुंचता है, उसे एसटीएच के लिए रेफर कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति से लोग आक्रोशित हैं। नए फिजीशियन के आने के बाद किया जाएगा ट्रांसफर

डॉ. टीसी पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि फिजीशियन ने खुद ही पौढ़ी स्थानांतरण करवाने के लिए आवेदन किया था। इसलिए इनका स्थानांतरण किया गया है। नए फिजीशियन आने के बाद ही इन्हें भेजा जाएगा। एसटीएच की मैमोग्राफी मशीन फिर खराब

सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालयों में मशीनें बार-बार खराब हो जाती हैं। इस समय मैमोग्राफी मशीन खराब हो गई। इसके चलते करीब पांच मरीज वापस लौट गए। मशीन कब तक ठीक हो पाएगी। अस्पताल प्रबंधन बताने में असमर्थ है। बेस में थैलेसीमिया मरीज बिना दवा लौटे

बेस में थैलेसीमिया के रोगियों को निश्शुल्क मिलने वाली दवा फिर खत्म हो गई है। फैक्टर एट की यह दवा बाजार में बहुत अधिक मंहगी है। दवा नहीं मिलने से मरीज लौट गए। कुत्ते फिर हुए खूंखार, 40 मरीज पहुंचे अस्पताल

कुत्ते फिर खूंखार होने लगे हैं। मंगलवार को ही कुत्ते काटने के 40 से अधिक मरीज रैबीज के इंजेक्शन लगवाने पहुंचे। इसमें से आधे से अधिक लोगों को घरेलू कुत्ते ने काटा था। डेंगू के तीन नए मरीज भर्ती, बेस में 120 मरीज पहुंचे

एसटीएच में तीन नए रोगियों में एलाइजा टेस्ट के जरिये डेंगू बुखार की पुष्टि हो गई है। बेस अस्पताल में ही वायरल फीवर व डायरिया से ग्रस्त 120 से अधिक मरीज पहुंचे।


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