दुष्कर्म के दोषी आटो चालक को 10 साल का कारावास
किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के बाद दुष्कर्म करने के मामले में आटो चालक को दस साल की सजा हुई है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के बाद दुष्कर्म करने के मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो अर्चना सागर ने आटो चालक को दोषी करार दिया है और उसे 10 साल के कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अनीता जोशी ने बताया कि मूल रूप से बिलासपुर, पीलीभीत में रहने वाला रविंद्र पुत्र मांगेलाल हल्द्वानी के वैलेजली लाज में किराये पर रहता था। 30 नवंबर 2016 को वह शहर की एक नाबालिग किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। 17 दिसंबर 2016 को पुलिस ने जवाहर नगर में रेलवे स्टेशन के पास से रविंद्र को गिरफ्तार कर किशोरी को मुक्त करा लिया। यह मामला विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम अर्चना सागर की अदालत में चला। जांच अधिकारी ने रविंद्र के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 12 गवाह पेश किए। सोमवार को न्यायालय ने रविंद्र को दोषी ठहराते हुए धारा 363 में तीन साल कारावास व 10 हजार जुर्माना, धारा 366 में पांच साल कारावास व 10 हजार जुर्माना और 4 पाक्सो अधिनियम में 10 साल सजा और 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि रविंद्र की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।