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खरीदारी के लिए पूर्णिमा तक हर रोज शुभ योग, ज्वैलरी, वाहन, जमीन की खरीदारी लाभदायक

नवरात्र के साथ त्योहारों का सिलसिला शुरू हो चुका है। आगामी दिनों में दीपावली के साथ विवाह मुहूर्त भी प्रारंभ हो जाएंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 09:43 AM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 09:43 AM (IST)
खरीदारी के लिए पूर्णिमा तक हर रोज शुभ योग, ज्वैलरी, वाहन, जमीन की खरीदारी लाभदायक
खरीदारी के लिए पूर्णिमा तक हर रोज शुभ योग, ज्वैलरी, वाहन, जमीन की खरीदारी लाभदायक

हल्द्वानी, जेएनएन : नवरात्र के साथ त्योहारों का सिलसिला शुरू हो चुका है। आगामी दिनों में दीपावली के साथ विवाह मुहूर्त भी प्रारंभ हो जाएंगे। इस सबके लिए खरीदारी करने के शुभ मुहूर्तों का भी शुभारंभ हो चुका है। नवरात्र की पावन बेला में भी खरीदारी करना शुभ होता है, लेकिन उसमें शुभ मुहूर्त शामिल हो जाएं तो यह स्थिति बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। 

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13 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा तक लगभग रोज ही कोई न कोई ऐसा शुभ मुहूर्त बन रहा है। जिसमें भूमि, च्वैलरी, वाहन और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करना शुभ और समृद्धिदायक होने वाला है। ज्योतिषियों के अनुसार वर्तमान में ग्रह-गोचर ठीक स्थिति में हैं। शरद पूर्णिमा तक अमृत व सर्वार्थ सिद्धि समेत कई अन्य शुभ योगों का संयोग रहेगा। इन योगों में न केवल खरीदारी, बल्कि नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ, भूमि पूजन व अन्य मांगलिक कार्य भी किए जा सकेंगे। इन योगों में रवि योग समस्त बुरे योगों को नष्ट कर अच्छे योगों में परिवर्तित कर शुभ योग का निर्माण करता है। इसी प्रकार सर्वार्थ सिद्धि योग सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला माना गया है।

विजय दशमी पर रहेगा रवि योग

ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक सोमवार को मां सिद्धिदात्री व महानवमी पूजन के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग बना रहेगा। मंगलवार को विजय दशमी (दशहरा) पर्व स्वयं में अबूझ मुहूर्त वाला दिन होता है। इस दिन भी रवि योग रहेगा। बुधवार को एकादशी रहेगी। गुरुवार व शुक्रवार को प्रदोष होगा। शरद पूर्णिमा पर 13 अक्टूबर को स्नान-दान का महत्व है। शरद पूर्णिमा को अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग रहेगा।

किसी ने पूजी कन्या, कोई आज करेगा पूजन 

देवी उपासना के लिए नवरात्र का व्रत रखने वाली कई महिलाओं ने रविवार को कन्या पूजन किया। कुछ लोग सोमवार को महानवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत का पारायण करेंगे। ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक सुबह से मध्याह्न तक कन्या पूजन करना श्रेष्ठकर रहेगा। नौ कन्याओं के साथ एक बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजना चाहिए।


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