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सेना ने उच्‍च हिमालय से 91 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला, आज भी जारी रहेगा रेस्‍क्‍यू अभियान

प्राकृतिक आपदा ने भले ही कुमाऊं को गहरा जख्म दिया और मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 तक पहुंच गई। लेकिन बुधवार के बाद गुरुवार को भी मौसम ने साथ दिया तो सेना ने राहत व बचाव कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 08:33 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 08:33 AM (IST)
सेना ने उच्‍च हिमालय से 91 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला, आज भी जारी रहेगा रेस्‍क्‍यू अभियान
सेना ने उच्‍च हिमालय से 91 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला, आज भी जारी रहेगा रेस्‍क्‍यू अभियान

जागरण टीम, हल्द्वानी : प्राकृतिक आपदा ने भले ही कुमाऊं को गहरा जख्म दिया और मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 तक पहुंच गई। लेकिन बुधवार के बाद गुरुवार को भी मौसम ने साथ दिया तो सेना ने राहत व बचाव कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया। इस बीच पिथौरागढ़ व बागेश्वर के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मुश्किल में फंसे 91 पर्यटकों व स्थानीय लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के झूतियां गांव में मंगलवार से लापता मोहन राम व पत्नी जीवंती देवी का शव मलबे से बरामद किया गया। उनका 27 वर्षीय पुत्र अभी भी लापता है। पिथौरागढ़ में भी घाट क्षेत्र से डाकूड़ा गांव निवासी हर्ष सिंह का शव मलबे से निकाला गया। वह मंगलवार को भूस्खलन की चपेट आया था। रेस्‍क्‍यू अभियान आज भी जारी रहेगा।

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गुरुवार सुबह पूरे कुमाऊं में मौसम सामान्य रहा। नैनीताल, पिथौरागढ़, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर में भी धूप खिली रही। इस बीच राहत व बचाव कार्य में जुटी सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस ने अभियान तेज कर दिया। वहीं, चम्पावत मुख्यालय का मैदानी क्षेत्र से संपर्क कटा हुआ है। एनएच को खुलने में अभी एक सप्ताह का समय लग सकता है। पिथौरागढ़ में थल मुनस्यारी मार्ग बड़ी मुश्किल से गुरुवार को खोला जा सका। एनएच अभी भी बंद है। इस कारण पूरे क्षेत्र का संपर्क कटा हुआ है।

यहां उच्च हिमालय में फंसे 49 पर्यटकों, बीमार लोगों को वायु सेना के हेलीकाप्टरों से रेस्क्यू कर पिथौरागढ़ और धारचूला पहुंचाया। डीएम ने बताया कि शुक्रवार को भी सेना के एमएस 17 हेलीकाप्टर से रेस्क्यू आपरेशन जारी रहेगा। अल्मोड़ा में आपदा से सबसे अधिक नुकसान सड़कों को पहुंचा है। जिले में स्टेट हाईवे व ग्रामीण कुल 157 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। आपदा का प्रभाव पर्यटन पर भी पड़ा है। नैनीताल में गुरुवार को शहर के माल रोड, बड़ा बाजार, पंत पार्क, भोटिया मार्केट, केव गार्डन, रोपवे, हिमालय दर्शन पर सन्नाटा रहा।

डीएसए पार्किंग भी खाली रही। नौकाओं से पटी रहने वाली नैनी झील में भी गिने-चुने लोग ही नौकायन करते दिखे। आपदा के चलते यहां के 90 फीसद होटल खाली हो गए हैं। हालांकि यहां आने वाले सभी मार्ग खुल गए हैं। पर्यटक आसानी से पहुंच सकते हैं। वहीं, कार्बेट में तीन दिनों के बाद गुरुवार को ढेला व झिरना जोन पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। पहले दिन यहां दोनों शिफ्टों में 90 पर्यटकों ने सफारी का आनन्द लिया। शनिवार को गिरजा व बिजरानी जोन के भी खुलने की उम्मीद है। इस सब के बीच मौसम विभाग ने 22 अक्टूबर को फिर से पश्चिमी विक्षोभ की आशंका जताई है। 23 अक्टूबर तक यह उत्तर-पश्चिमी भारत तक पहुंच सकता है। इससे कुमाऊं में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इसका ज्यादा प्रभाव 24 अक्टूबर को दिखने की आशंका है।


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