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एरीज व रोम के विज्ञानियों ने आकाशगंगा के दूर के हिस्से में पहली बार की खोज, अब खुलेंगे ब्रह्मांड के बड़े रहस्य

Aries Nainital आकाशगंगा के दूर के हिस्से में पहली बार यह खोज हुई है। इससे सोना व प्लेटिनम जैसे भारी धातुओं के समझने में मदद मिलेगी। गामा रे विस्फोट की उत्पत्ति को भी आसानी से जाना जा सकेगा।

By ramesh garkotiEdited By: Nirmala BohraPublished: Thu, 08 Dec 2022 08:48 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 08:48 AM (IST)
Aries Nainital : एरीज व रोम के विज्ञानियों ने आकाशगंगा के दूर के हिस्से में पहली बार की खोज

रमेश चंद्रा, नैनीताल : Aries Nainital : एरीज व रोम के विज्ञानियों ने एक अरब प्रकाश वर्ष दूर न्यूट्रान सितारों के बीच टकराव के उच्च ऊर्जा प्रकाश वाले गामा किरण विस्फोट (जीआरबी) की अप्रत्याशित खोज की है।

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आकाशगंगा के दूर के हिस्से में पहली बार यह खोज हुई है। इससे सोना व प्लेटिनम जैसे भारी धातुओं के समझने में मदद मिलेगी। गामा रे विस्फोट की उत्पत्ति को भी आसानी से जाना जा सकेगा।

इस खोज में आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के विज्ञानियों की टीम का नेतृत्व करने वाले डा. शशिभूषण पांडेय ने बुधवार को बताया कि यह ब्रह्मांड की आश्चर्यचकित कर देने वाली घटना है।

विज्ञानियों ने इसका नाम जीआरबी 211211ए रखा है। इसे देखने में एरीज की 3.6 मीटर (डाट) आप्टिकल दूरबीन की बड़ी भूमिका रही है। अंतरिक्ष में स्थापित हबल दूरबीन से भी इस घटना पर नजर रखी गई।

ब्रह्मांड में होती हैं भयानक विस्फोटक घटनाएं

डा. पांडेय के अनुसार ब्रह्मांड में भयानक विस्फोटक घटनाएं होती हैं, जिनके बारे में आज भी अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। ऐसी ही एक घटना गामा रे विस्फोट है। इसमें विशाल तारों का आपस में विलय हो जाता है।

इनके आपस में टकराने से जबरदस्त विस्फोट होता है और एक तेज प्रकाश के साथ उच्च ऊर्जा उत्पन्न होती है। ऐसे विस्फोटों में चंद सेकंड में निकलने वाली ऊर्जा हमारे सूर्य के जीवनभर की ऊर्जा से भी अधिक होती है।

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इस खोज में उच्च ऊर्जा विस्फोट करीब एक मिनट तक चला। हालांकि आमतौर पर करीब दो सेकंड के ही विस्फोट होते हैं। इस कारण इसे अप्रत्याशित माना जा रहा है। सोना व प्लेटिनम जैसे धातु बड़े तारों में होने वाले विस्फोट से ही बनते हैं। इन धातुओं के बनने की प्रक्रिया को समझने में भी अब मदद मिलेगी।

जीआरबी विस्फोट की वर्तमान समझ को चुनौती

डा. पांडेय के अनुसार इस घटना से नई संभावनाओं को बल मिलेगा। जीआरबी जैसी घटनाएं हमारी समझ के लिए भी चुनौती है। यह घटना अपेक्षाकृत हमारे नजदीक की थी, जिस कारण एक किलोवाट के प्रकाश को देख सके। इससे भी दूर इस तरह की घटनाएं होती होंगी। जिन्हें हम देख नहीं सकते।

एरीज के ये विज्ञानी रहे शामिल

इस अप्रत्याशित खोज में एरीज के शोध छात्र राहुल गुप्ता, अमर आर्यन, अमित कुमार व डा. कुंतल मिश्रा शामिल रहे। टीम का नेतृत्व रोम विश्वविद्यालय के डा. एलोनोरा ट्रोजा ने किया। उन्होंने एरीज की डाट दूरबीन से प्राप्त डेटा की सराहना की।

डाट दूरबीन ब्रह्मांड के बड़े रहस्यों को खोजने में सक्षम

एरीज के निदेशक प्रो. दीपांकर बनर्जी ने कहा कि यह खोज एरीज समेत देश को गौरवान्वित करने वाली है। यह डाट दूरबीन के जरिए ही संभव हो सकी है। यह दूरबीन ब्रह्मांड के अनंत के गूढ रहस्यों को उजागर करने में सक्षम है।


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