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कुमाऊं यूनिवर्सिटी में फूट रहे हैं गुमनाम लेटर बम, कुलपति बोले- हलफनामा दें शिकायतकर्ता nainital news

कुमाऊं विश्वविद्यालय विवि में बेहतरी के प्रयासों के बीच अब लेटर बम फूट रहे हैं। आलम यह है कि राजभवन तक गुमनाम शिकायती पत्र भेजे जा रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 04:18 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 02:30 AM (IST)
कुमाऊं यूनिवर्सिटी में फूट रहे हैं गुमनाम लेटर बम, कुलपति बोले- हलफनामा दें शिकायतकर्ता nainital news
कुमाऊं यूनिवर्सिटी में फूट रहे हैं गुमनाम लेटर बम, कुलपति बोले- हलफनामा दें शिकायतकर्ता nainital news

नैनीताल, जेएनएन : कुमाऊं विश्वविद्यालय विवि में बेहतरी के प्रयासों के बीच अब लेटर बम फूट रहे हैं। आलम यह है कि राजभवन तक गुमनाम शिकायती पत्र भेजे जा रहे हैं। कुमाऊं विवि के डीएसबी, नैनीताल व अल्मोड़ा परिसर में शिक्षक व कर्मचारी कई प्रशासनिक व अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं। हाल ही में गुमनाम लेटर बमों की संख्या एकाएक बढ़ गई है। यह लेटर बम हल्द्वानी व नैनीताल समेत अन्य दूसरे स्थानों से भेजे जा  रहे हैं। इधर, विवि के जानकारों के अनुसार खुद की कुर्सी खिसकते देख कुछ कार्मिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ माहौल बनाने के लिए लेटर बम फोड़ रहे हैं। हाल ही में गुमनाम पत्र सोशल मीडिया में तक वायरल हो चुके हैं। इनमें नियुक्तियों में सेटिंग करने तक के आरोप लगाकर महत्वपूर्ण पदों पर काबिज लोगों की छवि धूमिल की जा रही है। हाल ही में राजभवन से भी विवि प्रशासन को गोपनीय पत्रों की जांच के संबंध में कहा गया था, मगर जांच में पता चला कि आरोप बिल्कुल फर्जी थे। नए कुलपति के चयन लिए पैनल बनने की सुगबुगाहट के बीच यह लेटर बम अब अधिक फोड़े जा रहे हैं। इससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है। कुलपति प्रो. केएस राणा के अनुसार फर्जी शिकायत करने वाले कौन हैं, इनका पता लगाना मुश्किल है। अलबत्ता गुमनाम शिकायतों का संज्ञान नहीं लिया जाएगा। शिकायतकर्ता सही हैं तो हलफनामा देकर बताए कि आरोप सही हैं।

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प्राध्यापकों के मामले में बड़ा सवाल, वादी कौन बनेगा

नैनीताल : कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर भौतिकी विभाग में कार्यरत प्रोफेसर के उत्पीडऩ मामले में कुलपति ने भले ही एससी-एसटी आयोग के आदेश पर एसएसपी को मामला रेफर कर दिया हो मगर पुलिस के सामने दुविधा है कि मुकदमे में वादी कौन बनेगा। खुद एसएसपी सुनील मीणा ने यह स्वीकारते हुए जोड़ा कि इस मामले को वह जल्द देखेंगे। दरअसल, भौतिकी विभाग के डॉ. रमेश चंद्रा ने विभाग के ही दो प्राध्यापकों पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने तथा बेवजह उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए एससी, एसटी आयोग में शिकायती पत्र भेजा था। आयोग के निर्देशानुसार विवि की ओर से जांच कमेटी बनाई गई। कमेटी ने जांच में आरोप सही पाए। जिसके बाद कुलपति प्रो. केएस राणा ने दोनों पक्षों में सुलह कराई मगर सफलता नहीं मिली। प्रो चंद्रा का आरोप है कि डीएसबी में नियुक्ति से ही दोनों प्राध्यापकों द्वारा नियुक्ति को गलत ठहराते हुए उत्पीडऩ किया गया। हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के साथ ही राजभवन से नियुक्ति को सही ठहराने के बाद भी उन्हें प्रताडि़त किया गया। कुलपति ने अब यह मामला एसएसपी को कार्रवाई के लिए रेफर कर दिया है। इधर एसएसपी सुनील मीणा का कहना है कि मुकदमे में वादी कौन बनेगा, यह बड़ा सवाल है। साथ ही कहा कि उन्हें केस की पूरी जानकारी नहीं है, वह मामले को देखने के बाद ही कुछ कह सकेंगे।

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