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पांच साल तक बतौर कुक नौकरी करने के बाद शुरू कर लिया खुद का फूड वैन

बेरोजगारों की कतार में खड़े होकर सरकार को कोसने वाले तो कई युवक मिल जाएंगे। लेकिन ऐसे लोग कम ही हैं जो खुद का रोजगार शुरू कर दूसरे लोगों के हाथों को भी काम दे रहे हैं। ऐसी ही कुछ कहानी है नैनीताल के नारायण नगर निवासी अंकित कुमार की।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 09:56 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 09:56 AM (IST)
पांच साल तक बतौर कुक नौकरी करने के बाद शुरू कर लिया खुद का फूड वैन
पांच साल तक बतौर कुक नौकरी करने के बाद शुरू कर लिया खुद का फूड वैन

नैनीताल, जेएनएन : नौकरी की तलाश में बेरोजगारों की कतार में खड़े होकर सरकार को कोसने वाले तो कई युवक मिल जाएंगे। लेकिन ऐसे लोग कम ही हैं जो खुद का रोजगार शुरू कर दूसरे लोगों के हाथों को भी काम दे रहे हैं। ऐसी ही कुछ कहानी है नैनीताल के नारायण नगर निवासी अंकित कुमार की। पांच साल पहले पढ़ाई छोड़ अंकित ने चिड़ियाघर स्थित रेस्टोरेंट में काम करना शुरू किया। धीरे धीरे खाना और विशेषकर चाइनीज डिश बनाने में पारंगत हो गए तो पाइंस में संचालित की जा रही फूड वैन में काम करने लगे। लेकिन वेतन इतना नहीं था कि सही से गुजरा हो सके।

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जिस कारण थोड़ा अच्छा वेतन का ऑफर मिला तो अंकित ने सेनेटोरियम भवाली में संचालित की जा रही फूड वैन में काम करना शुरू कर दिया। करीब दस माह फूड वैन में काम करने के दौरान अनुभव लेकर अंकित के मन में खुद का काम शुरू करने का ख्याल आया। जिसके बाद वह खुद की फूड वैन शुरू करने की दौड़ में जुट गए। अपनी जमापूंजी और बड़े भाई मनीष कुमार से कुछ आर्थिक सहायता लेकर आखिरकार उन्होंने बीते माह नैनीताल रोड पर भूमियाधार के पास फूडीज नाम से अपनी फूड वैन शुरू कर ली। जिसमें वह अच्छी कमाई के साथ ही गांव के दो युवकों को भी रोजगार दे रहे हैं।

साढ़े पांच लाख में तैयार हो गयी वैन

अंकित बताते है कि वाहन खरीदने से उसे फूड वैन में तब्दील करने तक करीब साढ़े पांच लाख का खर्च आया। इसके अलावा वैन स्थापित करने की अनुमति लेने और अन्य प्रक्रियाओं में करीब दो माह का समय लग गया।

ऑफ सीजन में भी दो से तीन हजार हो रही है कमाई

अंकित ने बताया कि नैनीताल रोड में रेस्टोरेंट नहीं होने के कारण अच्छा काम होता है। पर्यटकों के साथ ही वह लोकल लोगों के लिए काम करना चाहते है। जिस कारण उन्होंने रेट भी बहुत ही सामान्य रखा है। ऑफ सीजन होने के कारण रोजाना दो से तीन हजार की कमाई हो जाती है।


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