कॉर्बेटर निदेशक ने नहीं निकाला कोई रास्ता, व्यथा बताने एसडीएम के पास पहुंचे आमडंडा के ग्रामीण
काॅर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक का घेराव करने के बाद भी रास्ते की मांग पूरी नहीं होने से नाराज आमडंडा खत्ता के ग्रामीणों का बुधवार को फिर गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ तहसील पहुंचकर अब एसडीएम से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।
रामनगर, जेएनएन : काॅर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक का घेराव करने के बाद भी रास्ते की मांग पूरी नहीं होने से नाराज आमडंडा खत्ता के ग्रामीणों का बुधवार को फिर गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ तहसील पहुंचकर अब एसडीएम से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है। एसडीएम विजय नाथ शुक्ल से ग्रामीणों ने कहा कि करीब सौ परिवार काॅर्बेट के अंर्तगत आमडंडा खत्ते में वर्ष 1925 से पहले से रह रहे हैं। वर्ष 1978 में वन विभाग ने उन्हें फूलताल मलानी रेंज वर्तमान में बिजरानी रेंज कम्पार्ट नंबर छह में जगह आवंटित करके बसाया था।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आने जाने के लिए पहले तीन कच्चे रास्ते थे। लेकिन सीटीआर प्रशासन द्वारा इन परंपरागत रास्तों में खाई खोद दी गई है। जिससे वह अपने वाहनों को घर नहीं ले जा पा रहे हैं। सड़क पर ही वाहन खड़े करने पड़ते हैं। गांव में ग्रामीणों के आने जाने के लिए बिजरानी गेट से ही गांव के लोग आते जाते हैं। जबकि उनके परम्परागत रास्ते बंद कर दिए गए हैं। उनके घरों से बिजरानी गेट की दूरी काफी अधिक है। ऐसे में गेट तक आने जाने में हिंसक वन्य जीवों का खतरा बना रहता है।
निदेशक राहुल ने चार नवम्बर को घेराव के दौरान कार्रवाई का भरोसा दिया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे ग्रामीण खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों का रास्ता बंद कर विभाग उनका उत्पीड़न कर रहा है। एसडीएम ने ग्रामीणों को कार्बेट के निदेशक राहुल से बात जर कार्रवाई के लिए कहने का अश्वाशन दिया है। इस दौरान चिंताराम, नवीन नेगी, डी सी हर्बोला, अतुल अग्रवाल, धारा बल्लभ पान्डे, विनय पडलिया,यशपाल नेगी, प्रकाश चंद्र, रवि आर्या, प्रदीप रावत, कुबेर, दीपक बुधोडी, हेमंत बुधोडी मौजुद रहे।