तीन मुख्यमंत्री देने वालों की जन्मस्थली व कर्मभूमि रहा अल्मोड़ा, जानें कौन हैं वह सख्सियतें
सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा से स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर अब तक कई हस्तियों ने देश में ही विदेशों में भी यहां का नाम रोशन किया। अल्मोड़ा तीन मुख्यमंत्री की जन्मभूमि और कर्मस्थली भी रही। जिन्होंने उत्तरप्रदेश से लेकर उत्तराखंड में शासन किया।
चंद्रशेखर, द्विवेदी, अल्मोड़ा : सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा से स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर अब तक कई हस्तियों ने देश में ही विदेशों में भी यहां का नाम रोशन किया। अल्मोड़ा तीन मुख्यमंत्री की जन्मभूमि और कर्मस्थली भी रही। जिन्होंने उत्तरप्रदेश से लेकर उत्तराखंड में शासन किया। उत्तरप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत, उत्तराखंड के आठवें मुख्यमंत्री हरीश रावत की यह जन्मस्थली रही। वहीं यूपी के तीसरे मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता की भी कर्मस्थली यही रही।
कत्यूरी, चंद शासकों ने अल्मोड़ा को सांस्कृतिक नगरी के रुप में पहचान दिलाई। इसके बाद के शासकों ने इस वैभव को कम नही होने दिया। अंग्रेजी शासन के खिलाफ भी यहां के लोगों ने बढ़चढ़कर भागीदारी की। में जब उनके अत्याचार बढ़े तो यहां से भी आंदोलन के बिगुल फूंके गए। कई नेताओं ने अंग्रेजों से लड़ते हुए अपनी शहादत दी। आजादी से निकले इन्हीं कुछ नेताओं ने बाद में नवनामित राज्यों में शासन कर वहां के विकास में अहम योगदान दिया।
खूंट से निकलकर संभाली यूपी की कमान
अल्मोड़ा जिले के खूंट गांव में जन्मे प. गोविंद बल्लभ पंत 1937 से 39 तक ब्रिटिश भारत में संयुक्त प्रांत के पहले मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 1946 से 47 तक दोबारा संयुक्त प्रांत के सीएम बने। जब देश आजाद हुआ तब नवनामित उत्तरप्रदेश के 1950 से 27 दिसंबर 1954 तक मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 1957 में उन्हें भारत रत्न से नवाजा किया।
सीएम चंद्रभानु ने रानीखेत को बनाया अपनी कर्मस्थली
मूलरूप से अलीगढ़ में जन्मे उत्तरप्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता की पहाड़ कर्मभूमि रही। उन्होंने 1960 में रानीखेत साउथ विधानसभा से चुनाव लड़ा। वह 1963 तक मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने इस दौरान पहाड़ के विकास के लिए कई कार्य किए। जिसे आज भी लोग याद करते हैं। वह तीन बार यूपी के सीएम रहे।
उत्तराखंड के आठवें सीएम बने रावत
अल्मोड़ा जिले के मोहनरी गांव में जन्मे हरीश रावत यहीं से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। वर्ष 1980 से वह लगातार तीन बार अल्मोड़ा संसदीय सीट से चुनाव जीते। उत्तराखंड बनने के बाद 2014 में वह सातवें मुख्यमंत्री बने। इस बार फिर वह सक्रिय है। उम्मीद है अगर कांग्रेस बहुमत में आई तो वह फिर मुख्यमंत्री बन सकते हैं।