पहाड़ के जिलों की लचर संचार व्यवस्था का मामला अजय टम्टा ने संसद में उठाया NAINITAL NEWS
अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद अजय टम्टा ने बीएसएनएल की दशा सुधारने की मांग की है। सांसद ने कहा कि अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र का अस्सी फीसद भू भाग पर्वतीय है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के चारों पर्वतीय जिलों की लचर संचार सेवा का मामला संसद में गूंजा। अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद अजय टम्टा ने यह मामला उठाते हुए बीएसएनएल की दशा सुधारने की मांग की है।
सांसद ने कहा कि अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र का अस्सी फीसद भू भाग पर्वतीय है। जिसमें चार जिले अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत और बागेश्वर आते हैं। पर्वतीय भू भाग की अर्थव्यवस्था मनीआर्डर पर निर्भर है। अधिकांश लोग सेना में तैनात हैं या फिर रोजगार के लिए अन्य राज्यों में सेवा दे रहे हैं। आज के डिजिटल युग में भी यह क्षेत्र संचार सुविधा से वंचित है। वर्तमान दौर डिजिटल का है। पर्वतीय क्षेत्र की संचार सेवा अधिकांशतह बाधित होने का खामियाजा क्षेत्र की जनता भुगत रही है। सांसद ने बताया कि यहां पर अधिकांशतह बीएसएनएल ही माध्यम है। बीएसएनएल की सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। इस संबंध में बीएसएनएल के अनुसार बजट का नहीं मिलना है, बिजली विहीन क्षेत्रों में स्थित टॉवरों तक डीजल नहीं पहुंच रहा है ओएफसी लाइन कटने पर मौके तक पहुंचने के लिए वाहन तक नर्हं है , तकनीकी और मजदूरों की धनाभाव से कमी है। अन्य संचार कंपनियों की संख्या काफी कम है। सांसद ने आज के दौर में संचार व्यवस्था को आवश्यक बताया और क्षेत्र में मोबाइल फोन के सिग्नल नहीं रहने से हो रही परेशानी के बारे मेंं बताते हुए पूरे प्रदेश सहित अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र की संचार व्यवस्था में सुधार की मांग की है।
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