हार्इ कोर्ट की अवमानना में शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख पर तय किए गए आरोप
हाईकोर्ट ने आदेश का क्रियान्वयन नहीं करने पर सख्त रुख अपनाते हुए शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख पर आरोप तय कर दिए हैं। अगली सुनवाई की तिथि सात जनवरी की नियत की है।
नैनीताल, जेएनएन। हाईकोर्ट ने आदेश का क्रियान्वयन नहीं करने पर सख्त रुख अपनाते हुए शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख पर आरोप तय कर दिए हैं। अगली सुनवाई की तिथि सात जनवरी की नियत की है। शिक्षा सचिव को उस दिन भी पेश होने को कहा है।
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में काशीपुर निवासी सुभाष व पांच अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने कहा था कि उनकी नियुक्ति ठेका आधार पर सर्व शिक्षा अभियान में सिस्टम एनालिसिस के पद पर हुई थी। सरकार ने 11 मार्च 2005 को ये पद सृजित किये थे । इस जीओ में साफ तौर पर वर्णित था कि उनको बढ़ते रेट के आधार पर अन्य भत्ते दिए जायेंगे, परन्तु सरकार द्वारा उनको बढ़े हुए अन्य भत्ते नहीं दिए गए। जिसे कोर्ट में चुनौती दी गयी । 10 जून 2013 को एकलपीठ ने सरकार को निर्देश दिए थे कि आठ सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ताओं को भत्ते दें परन्तु सरकार द्वारा उनको नहीं दिया और सरकार द्वारा विशेष अपील दायर की जिसे खण्डपीठ ने खारीज कर दिया।
इस आदेश को सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी । सुप्रीम कोर्ट ने छह दिसम्बर 2016 को सरकार की एसएलपी खारिज कर दी। 17 जुलाई 2017 को याचिकाकर्ताओं द्वारा हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी ।पूर्व में एकलपीठ के आदेश का पालन नही होने पर आज शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे। आज शिक्षा सचिव डॉ. औलख कोर्ट में पेश हुईं। पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर एकलपीठ ने उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए है और अगली सुनवाई के लिए सात जनवरी की तिथि नियत की है।
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