Move to Jagran APP

World Vitiligo Day 2021 : सफेद दाग के कारण अवसाद में आकर सुसाइड करने जा रहे सौ से अधिक लोगों को जीवन की ओर लौटाया

World Vitiligo Day 2021 आटो इम्यून डिसऑर्डर यानी सफेद दाग के बारे में जागरूकता के अभाव में लोग निराश हो जाते हैं। ऐसे लोगों को आशा व उम्मीद की ओर प्रेरित करने का कार्य आरुष फाउंडेशन कर रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 10:46 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 10:46 AM (IST)
World Vitiligo Day 2021 : सफेद दाग के कारण अवसाद में आकर सुसाइड करने जा रहे सौ से अधिक लोगों को जीवन की ओर लौटाया
World Vitiligo Day 2021 : सुसाइड की कोशिश कर रहे 100 से ज्यादा को जीवन की ओर लौटाया

मनीस पांडेय, हल्द्वानी : World Vitiligo Day 2021 : आटो इम्यून डिसऑर्डर यानी सफेद दाग के बारे में जागरूकता के अभाव में लोग निराश हो जाते हैं। ऐसे लोगों को आशा व उम्मीद की ओर प्रेरित करने का कार्य आरुष फाउंडेशन कर रहा है। यह vitiligo पीडि़त लोगों का ही एक समूह है, जिसने अभी तक करीब 100 से ज्यादा निराश लोगों को आत्महत्या करने से रोकते हुए बेहतर कार्यों के लिए प्रेरित किया है।

loksabha election banner

25 जून को वर्ल्‍ड विटिलिगो डे है, जिसका उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को सफेद दाग या ल्यूकोडर्मा के बारे में सही जानकारी देना है। इसका मेडिकल नाम विटिलिगो है। गैर सरकारी संस्था आरूष फाउंडेशन सफेद दाग से परेशान व्यक्तियों की मदद में लगा हुआ है। इस संस्था का काम सफेद दाग को लेकर भ्रम व अंधविश्वास को दूर करना है।

आकाश व अंकित भर रहे जोश

विटिलिगो के प्रति जागरूकता के लिए हल्द्वानी निवासी 29 वर्षीय अंकित टंडन कार्यरत हैं। अंकित ने बताया कि वह खुद भी 15 साल से इस बीमारी से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि मुंबई निवासी संस्था के फाउंडर आकाश तिवारी इस बीमारी की चपेट में आने के बाद तीन साल से लोगों को जागरूक कर रहे हैं। आरूष फाउंडेशन में अभी तक करीब पांच हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं।

कुष्ठ रोग नहीं है सफेद दाग

सफेद दाग के बारे में आम धारणा है कि यह कुष्ठ रोग है, छूने से फैलता है और पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है, जबकि चिकित्सकों का मानना है कि यह कोई संक्रामक और आनुवांशिक रोग नहीं है। एक मरीज से किसी दूसरे इंसान में यह नहीं फैलता।

मेलोनोसाइट की कमी है मुख्य कारण

त्वचा का रंग बनाने वाली कोशिकाएं मेलोनोसाइट के कम या खत्म होने पर शरीर में जगह-जगह सफेद दाग हो जाते हैं। इसकी कई अन्य वजहें भी होती हैं। जब शरीर का ऑटो इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता उल्टा असर दिखाने लगती है तो शरीर में रंग बनाने वाली कोशिका खत्म हो जाती हैं। खानपान में मिलावट, पर्यावरण प्रदूषण, फल व सब्जियोंं को उगाने में कीटनाशकों का प्रयोग भी इसका कारण हो सकता है।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.