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बुजुर्ग महिला पर काल बनकर गिरा चीड़ का पेड़, रानीखेत के चमड़खान कस्बे में दिलदहला देने वाला हादसा

चमड़खान क्षेत्र में चीड़ का विशालकाय पेड़ धराशायी हो गया। इस सबसे अंजान दुकान के बाहर बैठी वृद्धा चपेट में आ गई। अफरा तफरी के बीच वहां मौजूद लोग बुजुर्ग को बचाने दौड़े। मगर काल बनकर गिरा पेड़ उसकी जान ले चुका था।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 05:43 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 05:43 PM (IST)
बुजुर्ग महिला पर काल बनकर गिरा चीड़ का पेड़, रानीखेत के चमड़खान कस्बे में दिलदहला देने वाला हादसा
हालिया चार दिन लगातार बारिश से जमीन गीली हो चुकी थी।

जागरण संवाददाता, ताड़ीखेत (रानीखेत) : विकासखंड के सुदूर चमड़खान क्षेत्र में चीड़ का विशालकाय पेड़ धराशायी हो गया। इस सबसे अंजान दुकान के बाहर बैठी वृद्धा चपेट में आ गई। अफरा तफरी के बीच वहां मौजूद लोग बुजुर्ग को बचाने दौड़े। मगर काल बनकर गिरा पेड़ उसकी जान ले चुका था। ठीक सामने खरीदारी कर रही उसकी बहू व पोती बाल बाल बच गई। इधर तहसीलदार ने मय टीम ने घटना स्थल का मुआयना किया। हादसे से परिजनों में कोहराम मच गया। 

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देवलीखेत के पस्तौड़ावार गांव निवासी राधा देवी उर्फ राधिका देवी (84) बुधवार को चमड़खान कस्बे में खरीदारी करने गई थी। साथ में उसकी बहू व पोती भी थी। वह दुकान के बाहर बैठ गई। इसी दरामियान ऊपरी क्षेत्र में वर्षों पुराना चीड़ का वृक्ष जड़ से ही उखड़ गया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता दुकानों की दीवारों को क्षतिग्रस्त करता हुआ पेड़ बुजुर्ग महिला को कुचलता हुआ एक तरफ गिर गया। उम्रदराज होने के कारण राधा देवी उठकर भाग भी नहीं सकी। आसपास भगदड़ मच गई। दुकानदारों व लोगों ने पेड़ के नीचे दबी राधिका देवी को बचाने की कोशिश की। मगर वह दम तोड़ चुकी थी।

दुकान में खरीदारी कर रही वृद्धा की बहू व पोती बस बच ही गए। दुर्घटना की खबर मिलते ही ग्रामीण व परिजन मौके पर पहुंचे। राधिक देवी के पुत्र कुबेर सिंह ने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी। तहसीलदार विवेक राजौरी राजस्व टीम लेकर चमड़खान पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए रानीखेत नागरिक चिकित्सालय ले जाया गया। बाद में परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। उधर पस्तौड़ावार गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाला था। 

जमीन गीली, जड़ों की पकड़ ढीली 

क्षेत्रवासियों के अनुसार हालिया चार दिन लगातार बारिश से जमीन गीली हो चुकी थी। अंदेशा जताया कि इसी कारण वर्षों पुराने चीड़ वृक्ष की जड़ों की पकड़ ढीली पड़ गई हो गई। हल्की हवा चली तो वृक्ष धराशायी हो गया। संयोग से दुकानों के ऊपर नहीं गिरा। इससे आसपास मौजूद और लोग भी चपेट में आ सकते थे। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के बाद धूप खिलने पर भी इस क्षेत्र में पेड़ गिरते रहे हैं। मगर इतना भयावह हादसा होगा, इसका जरा भी अंदाजा न था। 

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