हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया भवन निर्माण कर रहा श्रमिक, झुलसकर हुई मौत
हीरानगर क्षेत्र में क्रियाशाला के पास व्यावसायिक भवन का सुंदरीकरण कर रहे श्रमिक की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर मौत हो गई।
By Edited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 12:35 PM (IST)
हल्द्वानीए जेएनएन : हीरानगर क्षेत्र में क्रियाशाला के पास व्यावसायिक भवन के सुंदरीकरण का काम कर रहा मजदूर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। हादसे में जख्मी मजदूर की डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाने तक मौत हो गई। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
क्रियाशाला के पास एक भवन की सुंदरीकरण का काम चल रहा है। शाम के समय फारूख निवासी पीलीभीत निर्माण कार्य के लिए बांस का डंडा खड़ा कर रहा था। इसी दौरान डंडा 33केवीए हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। लाइन से करंट उतरने से मजदूर जख्मी हो गया। आसपास के श्रमिक उसे लेकर डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना पर ऊर्जा निगम के अफसर टीम के साथ पहुंचे। जांच में पता चला कि हाईटेंशन लाइन के मानकों को ताक पर रखकर भवन का निर्माण व सुंदरीकरण किया जा रहा था। इसके साथ ही भवन स्वामी ने कनेक्शन भी नहीं लिया था। वह पड़ोस के मकान के घरेलू कनेक्शन से तार जोड़कर निर्माण करवा रहा था। अधीक्षण अभियंता डीके जोशी ने बताया कि भवन स्वामी अजीम सिद्दीकी के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। इसके अलावा विद्युत सुरक्षा की टीम भी हादसे की जांच करेगी। विभागीय जांच के लिए समिति बनाकर रिपोर्ट मांगी जाएगी। लगातार हादसों के बाद भी हाईटेंशन के नीचे हो रहा निर्माण हाईटेंशन लाइन से दूरी के मानकों को ताक पर रखकर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में निर्माण कार्य हो रहे हैं। माह भर के भीतर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर जान गंवाने की इस दूसरी घटना के बाद भी न तो ऊर्जा निगम चेत रहा है और न प्रशासन। मुख्य मार्गो पर तक बेधड़क हो रहे निर्माण कार्यो की ओर हादसा होने तक प्रशासन व ऊर्जा निगम नजरें फेरे रहता है। इसका नतीजा लोगों को जान देकर चुकाना पड़ रहा है।
क्रियाशाला के पास एक भवन की सुंदरीकरण का काम चल रहा है। शाम के समय फारूख निवासी पीलीभीत निर्माण कार्य के लिए बांस का डंडा खड़ा कर रहा था। इसी दौरान डंडा 33केवीए हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। लाइन से करंट उतरने से मजदूर जख्मी हो गया। आसपास के श्रमिक उसे लेकर डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना पर ऊर्जा निगम के अफसर टीम के साथ पहुंचे। जांच में पता चला कि हाईटेंशन लाइन के मानकों को ताक पर रखकर भवन का निर्माण व सुंदरीकरण किया जा रहा था। इसके साथ ही भवन स्वामी ने कनेक्शन भी नहीं लिया था। वह पड़ोस के मकान के घरेलू कनेक्शन से तार जोड़कर निर्माण करवा रहा था। अधीक्षण अभियंता डीके जोशी ने बताया कि भवन स्वामी अजीम सिद्दीकी के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। इसके अलावा विद्युत सुरक्षा की टीम भी हादसे की जांच करेगी। विभागीय जांच के लिए समिति बनाकर रिपोर्ट मांगी जाएगी। लगातार हादसों के बाद भी हाईटेंशन के नीचे हो रहा निर्माण हाईटेंशन लाइन से दूरी के मानकों को ताक पर रखकर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में निर्माण कार्य हो रहे हैं। माह भर के भीतर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर जान गंवाने की इस दूसरी घटना के बाद भी न तो ऊर्जा निगम चेत रहा है और न प्रशासन। मुख्य मार्गो पर तक बेधड़क हो रहे निर्माण कार्यो की ओर हादसा होने तक प्रशासन व ऊर्जा निगम नजरें फेरे रहता है। इसका नतीजा लोगों को जान देकर चुकाना पड़ रहा है।
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