च्यवनप्राश में प्रयुक्त 41 औषधीय पौधे कोरोना से लडऩे में कारगर, कुमाऊं व अल्मोड़ा विश्वविद्यालय ने किया संयुक्त शोध
41 औषधीय पौधों में पाए जाने वाले 686 यौगिकों की मालीक्यूलर डाकिंग और मालीक्यूलर डायनामिक्स सिमुलेशन विधि से स्क्रीनिंग की तो चार यौगिक ऐसे पाए गए जिससे कोरोना वायरस की मेजबान सेल में इसकी बढ़ने प्रक्रिया रोकी जा सकती है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : कुमाऊं विवि व अल्मोड़ा विवि के संयुक्त शोध में खुलासा हुआ है कि च्यवनप्राश में प्रयुक्त होने वाले 41 औषधीय पौधे कोरोना से लडऩे में कारगर हैं। इनमें चार यौगिक ऐेसे पाए गए हैं जो कोरोना वायरस की प्रजनन प्रक्रिया को रोक सकते हैं। इन यौगिकों को लेकर क्लीनिकल ट्रायल भी किया जा सकता है। कुमाऊं विवि के निदेशक शोध प्रो. ललित तिवारी ने बताया कि च्यवनप्राश में आंवला, तुलसी, दारू हल्दी, गिलोय, दालचीनी, तेजपत्ता, लौंग, इलाइची, पिपली, पुनर्नवा, अष्टïवर्ग के पौधे प्रयुक्त होते हैं।
वनस्पति विज्ञान के डा. सुभाष चंद्र, डा. सुषमा टम्टा, शोधार्थी प्रियंका शर्मा, तुषार जोशी, शालिनी मठपाल, तनुजा जोशी, हेमलता ने शोध के दौरान च्यवनप्राश में प्रयुक्त होने वाले 41 औषधीय पौधों में पाए जाने वाले 686 यौगिकों की मालीक्यूलर डाकिंग और मालीक्यूलर डायनामिक्स सिमुलेशन विधि से स्क्रीनिंग की तो चार यौगिक ऐसे पाए गए, जिससे कोरोना वायरस की मेजबान सेल में इसकी बढ़ने प्रक्रिया रोकी जा सकती है। कुलपति प्रो. एनके जोशी, अल्मोड़ा विवि के कुलपति प्रो. एनएस भंडारी, संकायाध्यक्ष प्रो. एससी सती, प्रो1 वाइएस रावत, प्रो1 एसएस बर्गली समेत अन्य प्राध्यापकों ने हर्ष जताते हुए शोध टीम को बधाई दी है।