भूख हड़ताल पर बैठी युवती गश खाकर गिरी, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय जैंती का मामला
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अनुदेशिका व भोजनमाता की नियुक्ति पर सवाल उठा भूख हड़ताल पर बैठी युवती की सेहत बिगड़ गई। अफरा-तफरी के बीच उसे उठाकर घर पहुंचा दिया गया। इधर अनशनकारी युवती ने आरोप लगाया कि उसे चक्कर आने पर जबरन उठा दिया गया।
जागरण संवाददाता, जैंती (अल्मोड़ा) : लमगड़ा विकासखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अनुदेशिका व भोजनमाता की नियुक्ति पर सवाल उठा भूख हड़ताल पर बैठी युवती की सेहत बिगड़ गई। अफरा-तफरी के बीच उसे उठाकर घर पहुंचा दिया गया। इधर, अनशनकारी युवती ने आरोप लगाया कि उसे चक्कर आने पर जबरन उठा दिया गया। उसने नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगा पात्रों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया। वहीं एसडीएम ने कहा कि जांच बैठाने की संस्तुति डीएम से की गई है।
दरअसल बीते माह कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अनुदेशिका के तीन व भोजन माता के दो पदों पर उपनल के जरिये नियुक्तियां की गई थीं। इस पर बखेड़ा खड़ा हो गया था। क्षेत्र के सिलपड़ गांव की बबीता बिष्टï ने आरोप लगाया था कि नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई। उन्होंने नए सिरे से खुली नियुक्ति प्रक्रिया कराए जाने की मांग की थी। यह भी चेतावनी दी थी कि यदि नियुक्तियां निरस्त न की गई तो अनशन शुरू कर दिया जाएगा।
प्रशासनिक व विभागीय स्तर पर ठोस कदम न उठाया गया तो बबीता ने जैंती तहसील मुख्यालय पर भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। शुक्रवार को उसके स्वास्थ्य में गिरावट आ गई। अनशनकारी युवती के अनुसार चक्कर आने पर नायब तहसीलदार बालम सिंह बिष्टï व अन्य राजस्व कर्मियों ने उसे जबरन उठाकर घर पहुंचा दिया।
एसडीएम भनोली मोनिका ने बताया कि युवती से वार्ता कर उसे समझाया गया है। भरोसा दिलाया है कि डीएम तक उसकी बात पहुंचा जांच के लिए संस्तुति कर दी है।
सीईओ हर्ष बहादुर चंद ने बताया कि उपनल की मांग पर हमने उन्हें पद उपलब्ध करा दिए। उन्होंने अब किस प्रक्रिया के तहत नियुक्तियां की, वही उत्तरदायी हैं। जो भी नियुक्तियां की गई हैं, वे उपनल के जरिये ही हुई हैं। विभाग दोषी नहीं है।
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