Move to Jagran APP

फरवरी में ही नैनीताल झील के गिरते जलस्तर ने चिंता बढ़ाई शहरवासियों की चिंता

Nainital Lake News नैनीताल में झील का जलस्‍तर फरवरी में डाउन होने लगा है। पर्यावरणविद इसको लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि इस बार बर्फबारी और बारिश नाम मात्र होने की वजह से झील रिचार्ज नहीं हो पाई नतीजा पानी का लेबल घटता जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 10:14 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 07:55 AM (IST)
फरवरी में ही नैनीताल झील के गिरते जलस्तर ने चिंता बढ़ाई शहरवासियों की चिंता
Nainital Lake News : फरवरी में ही नैनीताल झील के गिरते जलस्तर ने चिंता बढ़ाई शहरवासियों की चिंता

नैनीताल, जागरण संवाददाता : Nainital Lake News : नैनीताल में झील का जलस्‍तर फरवरी में डाउन होने लगा है। पर्यावरणविद इसको लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि इस बार बर्फबारी और बारिश नाम मात्र होने की वजह से झील रिचार्ज नहीं हो पाई, नतीजा पानी का लेबल घटता जा रहा है। यदि यह सिलसिला चलता रहा तो गर्मियों में इस बार हालत विकट हो सकते हैं। ऐसे में नगरवासियों को जल संकट का सामना करना पड़ा रहा है।

loksabha election banner

नैनी झील किनारे लगे ट्यूबवेलों से ही शहरवासियों को पानी की आपूर्ति होती है। रिचार्ज जोन सूखाताल पूरी तरह सूखने के साथ ही मलबे में तब्दील है। वहां मिट्टी की कंक्रीट नुमा मोटी परत जमी है। नालों को अवरुद्ध करने की वजह से अब झील के रिचार्ज जोन सिमट रहे हैं। 2017 से झील की सेहत को देखते हुए 24 घंटे पानी की निर्बाध सप्लाई व्यवस्था खत्म कर सुबह शाम एक एक घंटे किया गया। तब रोजना पर्यटन सीजन में 18 एमएलडी तक पानी की सप्लाई होती थी मगर अब आठ एमएलडी सप्लाई के बाद भी झील की सेहत गिरना सवाल खड़े कर रहा है।

अवैध निर्माण तो वजह नहीं

कोरोना लॉकडाउन के बाद से ही शहर में अवैध निर्माण का सिलसिला चल पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के बाद भी आवासीय भवन या पुराने मकान की मरम्मत के बहाने आलीशान व्यावसायिक भवन बना दिए गए। रात में हो रहे इन निर्माण को भी जलस्तर घटने से जोड़ा जा रहा है। झील का जल स्तर अब इंटरनेट मीडिया में भी बहस का मुद्दा बन रहा है। दशकों पहले नैनीताल बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले लंबा आंदोलन चला चुके विजय अधिकारी ने तो बकायदा झील के गिरते जलस्तर की वजह अवैध निर्माण के साथ ही ढोंगी पर्यावरण प्रेमियों को बताकर नई बहस छेड़ दी है। विजय का कहना है कि पर्यटकों की भारी भीड़ देखकर खुश होना शहहर की झील के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा है।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.