मंडी शुल्क के विरोध में लकड़ी ठेकेदारों ने किया नीलामी का बहिष्कार
लालकुआं में वन विकास निगम डिपों में होने वाली लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की जलौनी लकडी की नीलामी का राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए दर्जनों ठेकेदारों ने मंडी शुल्क वसूलने के विरोध में बहिष्कार किया।
संवाद सहयोगी, लालकुआं: यहां वन विकास निगम में होने वाली लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की जलौनी लकड़ी की नीलामी का राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए दर्जनों ठेकेदारों ने मंडी शुल्क वसूलने के विरोध में बहिष्कार किया। ठेकेदारों का कहना था कि जब तक लकड़ी ठेकेदारों से वन विकास निगम ढाई प्रतिशत मंडी शुल्क वसूलना बंद नहीं करेगा तब तक वह नीलामी का बहिष्कार जारी रखेंगे।
वन विकास निगम के डिपो संख्या एक में बुधवार प्रात: 10 बजे प्रभागीय विपणन प्रबंधक महेश आर्या ने जलौनी लकड़ी की नीलामी प्रक्रिया शुरू कराई। तभी लकड़ी ठेकेदारों ने नीलामी का बहिष्कार करते हुए नीलामी हाल के बाहर वन विकास निगम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। ठेकेदार प्रदीप बत्रा का कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा मंडी शुल्क पूरी तरह समाप्त करने के बावजूद वन विकास निगम द्वारा लकड़ी ठेकेदारों से ढाई प्रतिशत मंडी शुल्क वसूला जा रहा है। जिसमें निगम प्रबंधन करीब 10 प्रतिशत हिस्सा मंडी समिति से कमीशन भी प्राप्त करता है जो कि अवैध है। उन्होंने कहा लकड़ी ठेकेदारों का मंडी समिति से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बावजूद उनसे मंडी शुल्क वसूला जाता है। जबकि उत्तर प्रदेश में उक्त शुल्क बंद कर दिया गया है।
ठेकेदारों ने निगम प्रबंधन पर नीलामी के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने का आरोप भी लगाया। इधर वन विकास निगम के प्रभागीय विपणन प्रबंधक महेश आर्या ने बताया कि उनकी वन विकास निगम और मंडी समिति के उच्चाधिकारियों से वार्ता चल रही है जैसे ही मंडी शुल्क के संबंध में कोई निर्णय आएगा तो वह लकड़ी ठेकेदारों को अवगत करा देंगे। उन्होंने कहा नीलामी के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन किया जाता है परंतु ठेकेदार बोली लगाने के चक्कर में इसका पालन नहीं करते। मंडी शुल्क वसूलने का विरोध करने वालों में ठेकेदार युसूफ खान, एनके भल्ला, शेर सिंह, रवि सच्चर, सौभाग्य भारद्वाज, जोधा सिंह, पुनीत भारद्वाज सहित रामनगर, मुरादाबाद, काशीपुर, खटीमा, रुद्रपुर व हल्द्वानी सहित विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे ठेकेदार मौजूद थे।