छात्र कॉलेजों की लाइब्रेरी में पढ़ सकेंगे अब तक के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्रियों के भाषण
डिग्री कॉलेजों में पढऩे वाले छात्र-छात्राएं देश के अब तक के राष्ट्रपतियों-प्रधानमंत्रियों के भाषण किताबों के जरिये पढ़ सकेंगे।
हल्द्वानी, जेएनएन : डिग्री कॉलेजों में पढऩे वाले छात्र-छात्राएं देश के अब तक के राष्ट्रपतियों-प्रधानमंत्रियों के भाषण किताबों के जरिये पढ़ सकेंगे। साथ ही आधुनिक भारत के निर्माताओं और देश की संस्कृति से करीब से रूबरू होने का मौका मिलेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों को भारत की समृद्ध व विविध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने वाली पुस्तकें डिग्री कॉलेजों में उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है।
यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से विश्वविद्यालयों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग के पास गुणवत्तापरक किताबों व पत्रिकाओं का भंडार है। जो भारत की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है। बेहद कम कीमत पर उपलब्ध ये किताबें इतिहास, कला, संस्कृति से लेकर आधुनिक भारत के निर्माताओं, सामाजिक और सांस्कृतिक नेताओं की जीवनी पर आधारित हैं। इसके अलावा देश के अब तक के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के भाषणों का संकलन भी इन किताबों में है। सचिव जैन ने कहा है कि विश्वविद्यालय अपने स्तर से कॉलेजों को पुस्तकालय में इन किताबों को उपलब्ध कराने को प्रेरित कर सकते हैं। ये किताबें केवल छात्र-छात्राओं ही नहीं बल्कि कॉलेज के शिक्षकों के लिए भी लाभदायक होंगी।
कॉलेज के छात्राें के लिए होगा रुचिकर
बिपिन चंद्र उप्रेती, पूर्व उपनिदेशक उच्चशिक्षा ने बताया कि कॉलेजों के कुछ छात्र-छात्राएं इस तरह की किताबें पढऩा बेहद पसंद करते हैं। उनके लिए यूजीसी का ये सुझाव काफी अच्छा है। पूर्व में भी कॉलेजों के पुस्तकालय में इस तरह की पुस्तकें छात्र-छात्राओं के लिए उपलब्ध कराई गई थी।
यूजीसी का सुझाव शानदार है
प्रो. केएस राणा, कुलपति, कुमाऊं विश्वविद्यालय ने बताया कि यूजीसी का सुझाव अच्छा है। कुमाऊं विवि की एकेडमिक सेल ने पूर्व में कई महापुरुषों, प्रधानमंत्रियों से संबंधित किताबें पाठ्यक्रमों में शामिल की थी। जिन्हें वर्तमान में कॉलेजों में पढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा कई प्रधानमंत्रियों की विदेश नीति भी पाठ्यक्रम में शामिल हैं।