हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, पंचायती राज एक्ट में भ्रष्टाचार रोकने के क्या प्रावधान बनाए गए
हाई कोर्ट ने सरकार ने पूछा है कि पंचायती राज एक्ट में भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं। कोर्ट ने इस पर 19 सितंबर तक कोर्ट को अवगत कराने को कहा है।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख के चुनाव सीधे जनता से कराने की मांग को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार ने पूछा है कि पंचायती राज एक्ट में भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं। कोर्ट ने इस पर 19 सितंबर तक कोर्ट को अवगत कराने को कहा है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में देहरादून निवासी विपुल जैन की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में सदस्यों की बोली लगती है। वोट खरीदे जाते हैं। वोट के नाम पर पंचायत सदस्यों को देश-विदेश के टूर पर भेजा जाता है। चुनाव जीतने के बाद फिर पंचायत प्रमुख भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं। पंचायत सदस्यों का अपहरण भी किया जाता रहा है। जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ती है। बाद में पुलिस द्वारा सियासी दबाव की वजह से प्रकरणों को दबा दिया जाता है। इस व्यवस्था को सुधारने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की मांग कोर्ट से की गई है। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद पूछा कि पंचायत राज अधिनियम में भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं, इसकी जानकारी 19 सितंबर तक अदालत को दी जाए।
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