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जैविक उत्पादों से किसानों की आय बढ़ाने में सेतु बने सुनील

बाजार में हाइब्रिड सब्जी सहित अन्य खाद्यान्न सामग्री को पहाड़ी जैविक उत्पाद जबरदस्त चुनौती दे रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 09:33 PM (IST)
जैविक उत्पादों से किसानों की आय बढ़ाने में सेतु बने सुनील
जैविक उत्पादों से किसानों की आय बढ़ाने में सेतु बने सुनील

राजेंद्र कठायत, बेरीनाग (पिथौरागढ़)। बाजार में हाइब्रिड सब्जी सहित अन्य खाद्यान्न सामग्री को पहाड़ी जैविक उत्पाद जबरदस्त चुनौती दे रहे हैं। बेरीनाग क्षेत्र में एक युवा के प्रयासों से प्रेरित हो एक दर्जन से अधिक काश्तकार जैविक शाक, सब्जी व अन्य फसलों का उत्पादन करने लगे हैं। आमजन को पौष्टिक उत्पाद उपलब्ध कराने के साथ किसान अपनी आर्थिकी भी मजबूत कर रहे हैं। बेरीनाग में गांव का आहार नाम से  संस्था चलाने वाले युवा सुनील पंत ने पर्वतीय जैविक उत्पादों को बाजार में लाकर स्थानीय काश्तकारों को लाभान्वित करने के लिए पहल की। उन्होंने गांवों में जाकर लोगों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया। वह जैविक शाक, सब्जी और अन्य उत्पाद तैयार होते ही उसे उचित दामों पर खरीद कर न्यूनतम विक्रय शुल्क के साथ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने लगे।

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सुनील पंत कहते हैं कि जैविक उत्पाद जहां स्वास्थ्य के लिए उत्तम है वहीं इनके उत्पादन से पहाड़ से हो रहे पलायन पर रोक लगेगी। पलायन के चलते बंजर हो रहे खेत हरे-भरे होंगे। बाजार में मिलने वाली शाक-सब्जी, दाल व अन्य खाद्य वस्तुएं रोगों के कारक हैं। जैविक व पोषण से भरे स्थानीय उत्पाद हर किसी के लिए लाभकारी हैं। सुनील ने बेरीनाग की चाय का एक बार फिर उत्पादन करना प्रारंभ कर दिया है। स्वयं चाय तैयार कर बेच रहे हैं। उनके द्वारा पर्वतीय जैविक दालों और जड़ी बूटियांं का संग्रहालय भी बनाया गया है।

इन जैविक फसलों का होने लगा है उत्पादन

राजमा, गहत, भट, सोयाबीन, मटर, हरड़, बरड़, आंवला, चाय,  सिल्फोड़ा, लेमन ग्रास, मडुवा सहित विभिन्न प्रजाति की पहाड़ी शाक-सब्जियां।

दर्जन भर काश्तकार जुड़े

जैविक खेती के लिए बेरीनाग क्षेत्र के विभिन्न गांवों के दर्जन भर काश्तकार जुड़ चुके हैं। कोटेश्वर के राजेंद्र भट्ट, राई गांव निवासी रेवती जोशी, बेलकोट के गिरजा पांडेय और कोटेश्वर के जीवन भट्ट बताते हैं कि जैविक खेती से उनकी आय बढ़ती जा रही है। बाजार में जैविक उत्पाद हाथों हाथ बिक रहा है। उत्पाद की अच्छी कीमत मिल रही है। 

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