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कुमाऊं विवि में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले संविदा कर्मी को सजा हो गई, असल गुनहगार बचे NAINITAL NEWS

सीजेएम कोर्ट से कुमाऊं विवि में फर्जी अंकतालिकाएं बनाने के दोषी को सजा होने के बाद एक बार फिर परीक्षा व लेखा अनुभाग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 01:01 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 01:01 PM (IST)
कुमाऊं विवि में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले संविदा कर्मी को सजा हो गई, असल गुनहगार बचे NAINITAL NEWS
कुमाऊं विवि में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले संविदा कर्मी को सजा हो गई, असल गुनहगार बचे NAINITAL NEWS

नैनीताल, किशोर जोशी : सीजेएम कोर्ट से कुमाऊं विवि में फर्जी अंकतालिकाएं बनाने के दोषी को सजा होने के बाद एक बार फिर परीक्षा व लेखा अनुभाग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है। उधर पिछले साल फर्जी डिग्रियों के मामले में पुलिस की लचर कार्यप्रणाली भी शक के घेरे में आ गई है।

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2013 में फर्जी अंकतालिकाओं का छात्र नेताओं ने उजागर किया था। तत्कालीन एनएसयूआइ जिलाध्यक्ष सुमित्तर भूल्लर समेत साथियों ने जमकर हंगामा काटा था। दबाव में आए विवि प्रशासन ने प्राध्यापकों की जांच कमेटी बनाने के साथ ही कोतवाली में तहरीर दी।  इस मामले में संविदा कर्मी नंदन सिंह देव को बलि का बकरा बनाते हुए बर्खास्त करने के साथ ही उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जबकि तमाम अन्य के नाम भी चर्चा में थे, वह जांच अधिकारियों की रिकार्ड बुक में जगह नहीं बना सके।  सोमवार को सीजेएम कोर्ट से नंदन सिंह को सजा हो गई मगर अर्से से विवि में अंकतालिकाओं  में हेरफेर करने में चर्चित लोगों पर कार्रवाई कब होगी या वह कब कार्रवाई की जद में आएंगे यह अहम सवाल अनुत्तरित है। 

परीक्षा विभाग बेपरवाह, पुलिस भी सुस्त

कुमाऊं विवि में पिछले साल दिसंबर में करीब दो दर्जन फर्जी डिग्रियों व अंकतालिकाओं के मामले में छह माह बाद भी आरोपित पकड़े नहीं जा सके। परीक्षा विभाग ने मात्र कोतवाली में तहरीर देकर इतिश्री कर ली, मगर यह प्रयास नहीं किए कि एमबीए, एमटेक, बीटेक समेत अन्य डिग्रियां फर्जी तरीके से तैयार कर कुमाऊं विवि की साख पर बट्टा लगाने वाले कौन हैं। इस मामले में कोतवाली पुलिस की जांच पड़ताल में मात्र एक छात्रा के ट्रेस होने का पुलिस ने दावा किया मगर अब तक एक भी आरोपित पकड़ा नहीं जा सका। यहां बता दें कि दिसंबर में कुमाऊं विवि में इन फर्जी डिग्रियों व अंकतालिका का भंडाफोड़ तब हुआ जब विवि को सत्यापन के लिए यह डिग्रियां भेजी गई थी। विवि को 50 से अधिक डिग्रियां सत्यापन को भेजी गई थी। 

वीसी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के पत्र लिखूंगा

प्रो. केएस राणा, कुलपति ने कहा कि कुमाऊं विवि में फर्जीवाड़े की कोई गुंजाइश नहीं है। विवि मेें पारदर्शिता की कार्यप्रणाली विकसित की जा रही है। फर्जी डिग्रियों के मामले में जांच तेज करने को लेकर पुलिस अधिकारियों के पत्र लिखूंगा। इस मामले में व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास किए जाएंगे, ताकि असल गुनहगार दंडित हों।


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