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चंपावत में विकसित होगा पर्यटन सर्किट, शासन से मिली मंजूरी

जनपद में पर्यटन की अपर संभावनाओं को तलाशते हुए पूर्व जिलाधिकारी द्वारा शासन को भेजे गए चम्पावत द स्प्रिचुअल एक्सकेपेड प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 07:58 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 07:58 PM (IST)
चंपावत में विकसित होगा पर्यटन सर्किट, शासन से मिली मंजूरी

चम्पावत, जेएनएन : जनपद में पर्यटन की अपर संभावनाओं को तलाशते हुए पूर्व जिलाधिकारी द्वारा शासन को भेजे गए चम्पावत : द स्प्रिचुअल एक्सकेपेड प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजना के तहत जनपद में पर्यटन सर्किट विकसित करने के उद्देश्य से यह योजना तैयार की गई है। अब सर्किट पर आगे काम करने के लिए प्रशासन बजट का प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है। इस सर्किट के विकसित होने से आने वाले कुछ सालों में जनपद पर्यटन मानचित्र में दिखाई देगा। जनपद में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। बस जरूरत है उन्हें संवारने की। इसके लिए सरकार व जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। वह चाहे स्वदेश दर्शन योजना के तहत हो या फिर होम स्टे के तहत।

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सरकार द्वारा संचालित 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डिस्टिनेशन योजना के तहत चम्पावत द स्प्रिचुअल एक्सकेपेड के जरिए दो ट्रेलों का निर्माण करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसमें एक स्वामी विवेकानंद टे्रल तो दूसरी जिम कॉर्बेट ट्रेल को शामिल किया गया है। इन दोनों ट्रेलों में जनपद के प्रमुख पौराणिक, ऐतिहासिक स्थलों व मंदिरों के साथ-साथ एडवेंचर टूरिज्म को शामिल किया गया है। जहां पर्यटक आनंद उठा सकें। इन सभी चीजों की पैकेज के रूप में मार्केटिंग की जाएगी। इससे स्थानीय लोग आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। प्रशासन द्वारा भेजे गए इस प्रस्ताव पर शासन ने मंजूरी दे दी है। इससे जनपद में पर्यटन सर्किट विकसित होने की आस बढ़ गई है। मंजूरी मिलने के बाद जिला प्रशासन पर्यटन सर्किट विकसित करने में होने वाले खर्च के लिए बजट प्रस्ताव तैयार कर रहा है। पर्यटन सर्किट विकसित करने में काफी बजट की आवश्यकता है इसलिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को जाएगा।

स्वामी विवेकानंद ट्रेल

यह ट्रेल एक हथिया नौले से आगे बढ़ते हुए मायावती आश्रम से बाणासुर किला, लोहाघाट होते हुए एबट माउंट तक जाएगी। यह ट्रेल लगभग 25 किमी की होगी। एबट माउंट से पर्यटक पंचेश्वर तक रोड से जा सकते है जहां वह काली एवं सरयू के संगम पर एंगलिंग, राफ्टिंग एवं कैंपिंग का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। इस ट्रेल की महत्ता इसलिए भी है क्योंकि स्वामी विवेकानंद ने मायावती आश्रम में प्रवास किया था। इस ट्रेल को विस्तार देने के लिए सूखीढांग के पास स्थित श्यामलाताल का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इस स्थान को योग व ध्यान केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। श्यामलाताल में जलक्रीडा व नौकायन भी किया जा सकता है।

द जिम कॉर्बेट टे्रल

यह ट्रेल चम्पावत शहर में स्थित ग्वेल देवता मंदिर से आरंभ होकर टी गार्डन, घटोत्कच मंदिर, मां हिडिम्बा मंदिर, द चम्पावत मैन इटर साइट होते हुए गोल्फ कोर्स कैंपिंग साइट तक पहुंचेगी। यह ट्रेल 19 किमी की होगी। गोल्फ कोर्स कैंपिंग साइट पर पर्यटक विश्राम एवं मनोरंजन का आनंद ले सकते हैं। यह ट्रेल गोल्फ कोर्स से आगे मानेश्वर मंदिर से चंडालकोट होते हुए एक हथिया नौले तक जाएगी।

ट्रेल में पडऩे वाले धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल

1. चम्पावत चाय बागान

2. दि चम्पावत मैन इटर

3. दि गोल्फ कोर्स

4. चंडालकोट

5. एक हथिया नौला

6. मायावती आश्रम

7. बाणासुर का किला

8. एबट माउंट

9. पंचेश्वर

सुरेंद्र नारायण पांडेय, जिलाधिकारी, चम्पावत का कहना है कि जनपद में पर्यटन की बहुत संभावनाएं है। कई धार्मिक, ऐतिहासिक व एडवेंचर स्थल है। इन सभी स्थलों को समाहित करते हुए पर्यटन सर्किट बनाने के लिए दो ट्रेलों के निर्माण के लिए प्रस्ताव शासन में भेजा गया था। जिसे शासन ने मंजूर कर दिया है। अब इसमें होने वाले खर्च के लिए बजट प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जिसे केंद्र सरकार में भेजा जाएगा। पर्यटन बढऩे से स्थानीय रोजगार भी बढ़ेगा था पलायन भी रुकेगा।

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