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अतिरिक्त पोषण के नाम पर मूंगफली खिलाकर खानापूर्ति

सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन के तहत नौनिहालों को कम गुणवत्ता का खाना परोसा जा रहा है।

By Edited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 07:25 PM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 04:57 PM (IST)
अतिरिक्त पोषण के नाम पर मूंगफली खिलाकर खानापूर्ति
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन के तहत नौनिहालों को कम गुणवत्ता का खाना परोसा जा रहा है। अतिरिक्त पोषण में अंडा, गुड़पापड़ी, चौलाई के लड्डू या फल देने के बजाय मूंगफली देकर खानापूर्ति की जा रही है। इतना ही नहीं, कई स्कूल मेन्यू का भी पालन नहीं कर रहे। मुख्यालय को लगातार शिकायत मिलने के बाद विभाग ने संज्ञान लिया है। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है। डीएम को निर्देश देते हुए कहा है कि मिड-डे-मील योजना का सख्ती से पालन कराते हुए योजना की नियमित समीक्षा कराना सुनिश्चित करें। ::::::::::::: अतिरिक्त पोषण का विशेष ध्यान बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए सप्ताह में एक दिन अतिरिक्त पोषण देने का प्रावधान है। इसके लिए सप्ताह में प्रति बच्चा पांच रुपये अतिरिक्त दिया जाता है। हर स्कूल में एक दिन अतिरिक्त पोषण दिवस के रूप में निर्धारित है। कहा गया है कि इस दिन बच्चों को अंडा, गुड़पापड़ी, फल या चौलाई का लड्डू देना होगा। ::::::::::: तय मेन्यू का पालन जरूरी एमडीएम यानी मिड-डे-मील का साप्ताहिक मेन्यू बना है। इसके तहत दाल, चावल, सब्जी बनाने का प्रावधान है। हालांकि किस दिन कौन सी दाल, सब्जी बनेगी, इसका निर्धारण विद्यालय प्रबंधन समिति करेगी। कई विद्यालय इसका पालन नहीं कर रहे हैं। :::::::: लोहे की कढ़ाई का होगा प्रयोग बच्चों में एनीमिया यानी खून की कमी दूर करने के लिए एमडीएम के तहत खाना पकाने के लिए लोहे की कढ़ाई का प्रयोग करना होगा। परियोजना निदेशक ने कहा है कि रोजाना एक डिश अनिवार्य रूप से कढ़ाई में बनाएं। :::::::::: किचन गार्डन विकसित करें स्कूल परियोजना निदेशक ने सुझाव दिया है कि जिन विद्यालयों में पर्याप्त जगह है वहां किचन गार्डन विकसित किया जा सकता है। इससे विद्यालय तो सुंदर बनेगा ही, साथ ही एमडीएम के लिए सस्ती और ताजी सब्जियां भी उपलब्ध हो सकेंगी। ::::::::::: मिड-डे-मील योजना के संबंध में सर्व शिक्षा के राज्य मुख्यालय से निर्देश मिले हैं। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। - केके गुप्ता, मुख्य शिक्षाधिकारी नैनीताल

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