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कहीं इतिहास न बन जाए भीमताल झील

संवाद सहयोगी, भीमताल: पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भीमताल झील धीरे-धीरे सिमट रही है। शोधकर्ताओं ने झ

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jun 2017 06:18 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jun 2017 06:18 PM (IST)
कहीं इतिहास न बन जाए भीमताल झील
कहीं इतिहास न बन जाए भीमताल झील

संवाद सहयोगी, भीमताल: पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भीमताल झील धीरे-धीरे सिमट रही है। शोधकर्ताओं ने झील के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे का उल्लेख किया है। सिंचाई विभाग के वर्तमान आंकड़ों के अनुसार भीमताल झील की गहराई 18 मीटर है। वहीं 1991 में प्रकाशित पुस्तक इकोलॉजी ऑफ माउंटेन जिसके लेखक एसडी भट्ट और आरके पांडे थे उन्होंने इसका जिक्र किया था। उनके अनुसार 1904 में भीमताल झील का क्षेत्रफल 60 हेक्टेयर था जो 1984 में घटकर 46.26 रह गया। 1984 में झील की क्षमता 1415 क्यूबिक मीटर रह गई। व‌र्ल्ड वाटर इंस्टीट्यूट के गणेश पांडे की पुस्तक स्प्रिंग ऑफ लाइफ इंडिया वाटर रिर्सोसेस के मुताबिक 1871 में भीमताल झील की गहराई 39 मीटर थी जो 1975 में घटकर 27 मीटर तथा 1985 में 22 मीटर रह गई। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि सौ सालों में भीमताल झील का जल स्तर 12 मीटर तक घट गया। बाद के दस सालों में जलस्तर पांच मीटर तक घटा। सिंचाई विभाग के ईई बिजेंद्र कुमार ने बताया विभागीय अभिलेखों के अनुसार भीमताल झील की गहराई 18 मीटर है। 1871 और 2017 के बीच 146 साल में भीमताल झील का जल स्तर 21 मीटर घटा है। लगातार घट रही झील की गहराई चिंता का विषय बनता जा रहा है। शासन द्वारा भीमताल झील की सफाई के प्रस्ताव को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है, नालों आदि से लगातार गंदगी झील में गिर रही है। भीमताल झील में सूखे की स्थिति तब है जब झील का पानी न तो पीने के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है और ना ही इसका पानी हल्द्वानी के लिए खोला गया है। इधर भीमताल झील की लगातार गिरती गहराई पर लोगों ने सिंचाई विभाग को दोषी ठहराया है।


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