पिथौरागढ़ बीएसएनएल दफ्तर में 16 कर्मचारियों ने किया वीआरएस को आवेदन, बचेंगे सिर्फ छह
बीएसएनएल की वीआरएस योजना परवान चढ़ी तो सीमांत जिले में हालात सबसे ज्यादा खराब होंगे। बीएसएनएल के 70 प्रतिशत कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : बीएसएनएल की वीआरएस योजना परवान चढ़ी तो सीमांत जिले में हालात सबसे ज्यादा खराब होंगे। बीएसएनएल के 70 प्रतिशत कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया है। स्वीकृत होने की स्थिति में यहां मात्र छह अधिकारी स्तर के कार्मिक ही शेष रहेंगे।
पिथौरागढ़ एक्सचेंज के अंतर्गत बीएसएनएल के 22 स्थायी कर्मचारी तैनात हैं। इनमें 16 कर्मचारी तकनीकी स्टाफ के अंतर्गत आते हैं, शेष अधिकारी स्तर के हैं। तकनीकी स्टाफ का जिम्मा लाइनों और एक्सचेंज की देखरेख का है। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, उपभोक्ताओं की शिकायत को दूर करने में तकनीकी स्टाफ की भूमिका ही महत्वपूर्ण है। इन सभी 16 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया है। इनका आवेदन स्वीकृत होना लगभग तय है। इसके बाद विभाग में इंजीनियर स्तर के छह अधिकारी ही शेष रह जाएंगे। अधिकारियों को क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छह एक्सचेंज के साथ ही 1720 लैंड लाइन संयोजन और 986 ब्रॉडबैंड संयोजनों की देखरेख करनी होगी। सरकार एक्सचेंजों के संचालन को निर्णय नहीं लेती है तो उपभोक्ताओं का परेशानी झेलना तय है।
अब किराए पर लीजिए संपत्ति
बीएसएनएल ने अपनी माली हालत मेें सुधार के लिए अपनी परिसंपत्तियों को किराये पर देने का निर्णय लिया है। इसके तहत विभाग के भवन किराये पर उठाए जाएंगे। विभाग ने पुलिस लाइन स्थित अपनी आवासीय कालौनी से इसकी शुरुआत भी कर दी है। कॉलोनी में टाइप टू और टाइप थ्री स्तर के कई आवास लंबे समय से खाली पड़े हुए थे। लिन्युड़ा स्थित आफीसर्स कॉलोनी को भी किराये पर देने की कवायद चल रही है।
16 ने किया वीआरएस के लिए आवेदन
एसके साहू, एसडीओ, बीएसएनएल, पिथौरागढ़ ने बताया कि वीआरएस के लिए पिथौरागढ़ क्षेत्र से 16 कर्मचारियों ने आवेदन कर दिया है। इसके बाद विभाग के पास अधिकारी स्तर के छह कर्मचारी ही शेष रहेेंगे। विभाग की परिसंपत्तियों को किराये पर देने का फैसला हो चुका है।